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जानिए क्या होती है GD of Police, थाना प्रभारी क्यों दर्ज करता हैं हर डिटेल

जनरल डायरी (GD) जिसे पुलिसिया भाषा में रोजनामचा भी कहते हैं. यह पुलिस का महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. थाना इंचार्ज और सेकेंड अफसर को इसे (GD) को भरने की जिम्मेदारी दी गई है. जानिए क्या है प्रक्रिया और क्यों है जरूरी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 7:14 PM IST

लखनऊ : आपने थानों में या फिर पुलिसकर्मियों के मुंह से अक्सर यह सुना होगा कि जीडी में दर्ज कर दो। या फिर कभी आप किसी की पैरवी के लिए थाने में गए होंगे तो पुलिस अधिकारी ने कहा होगा कि अब तो जीडी में दर्ज हो चुका है कुछ नही कर सकते। ऐसे में आपको मन में यह जरूर सवाल उठता होगा कि आखिर यह जीडी है क्या और उसमें पुलिस क्या और क्यों दर्ज करती है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पुलिस प्रक्रिया में जीडी का क्या महत्व है? जीडी क्या होती है? यह पुलिस के किस काम में आती है?

थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.
थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.

जीडी के बारे में जानिए : जनरल डायरी (GD) जिसे पुलिसिया भाषा में रोजनामचा भी कहते हैं. यह एक ऐसा शब्द है जो हर पुलिसकर्मी और अधिकारी की जुबान पर रोजाना दर्जनों बार आता होगा. हालांकि जीडी का सीधा संबंध आम व्यक्ति से नहीं है. देश के किसी भी थाने में होने वाली हर क्रिया इस जीडी में दर्ज की जाती है. इसके अलावा थाना प्रभारी भी अपनी हर कार्रवाई की डिटेल इस जीडी या रोजनामचा में दर्ज करता है. जीडी में कार्रवाई दर्ज करने की शुरुवात हर दिन सुबह 4 बजे होती है.

थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.
थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.

पहले हाथ से लिखी जाती थी जीडी : नाइट प्रभारी हो या डे अफसर, पहले जीडी हाथ से ही लिखी जाती थी. समय के बदलाव के साथ ही यह प्रक्रिया भी डिजिटल हो गई है. अब जीडी सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन ही दर्ज की जाती है. ऑनलाइन होने पर जीडी में किसी भी प्रकार की हेराफेरी नही की जा सकती है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक जगह बैठ कर थाने की जीडी चेक कर सकता है. हालांकि इससे पहले जब कोई वरिष्ठ अधिकारी थाने में औचक निरीक्षण करने पहुंचता था तो सबसे पहले वह थाना प्रभारी से जीडी ही तलब करता था.


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थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.
थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.

जीडी के बारे में जानिए : जनरल डायरी (GD) जिसे पुलिसिया भाषा में रोजनामचा भी कहते हैं. यह एक ऐसा शब्द है जो हर पुलिसकर्मी और अधिकारी की जुबान पर रोजाना दर्जनों बार आता होगा. हालांकि जीडी का सीधा संबंध आम व्यक्ति से नहीं है. देश के किसी भी थाने में होने वाली हर क्रिया इस जीडी में दर्ज की जाती है. इसके अलावा थाना प्रभारी भी अपनी हर कार्रवाई की डिटेल इस जीडी या रोजनामचा में दर्ज करता है. जीडी में कार्रवाई दर्ज करने की शुरुवात हर दिन सुबह 4 बजे होती है.

थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.
थाने में जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया.

पहले हाथ से लिखी जाती थी जीडी : नाइट प्रभारी हो या डे अफसर, पहले जीडी हाथ से ही लिखी जाती थी. समय के बदलाव के साथ ही यह प्रक्रिया भी डिजिटल हो गई है. अब जीडी सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन ही दर्ज की जाती है. ऑनलाइन होने पर जीडी में किसी भी प्रकार की हेराफेरी नही की जा सकती है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक जगह बैठ कर थाने की जीडी चेक कर सकता है. हालांकि इससे पहले जब कोई वरिष्ठ अधिकारी थाने में औचक निरीक्षण करने पहुंचता था तो सबसे पहले वह थाना प्रभारी से जीडी ही तलब करता था.


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