लखनऊ: विश्व स्वास्थ्य दिवस पर उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं उत्तर प्रदेश इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव सुनील यादव ने जनता को संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड काल में एक निष्पक्ष और स्वस्थ समाज का निर्माण करना सरकार का लक्ष्य है. इसमें प्रत्येक नागरिक को भी अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए.
18 वर्ष से ऊपर के सभी को लगे वैक्सीन
सुनील यादव ने कहा कि कोविड काल में देश की जनता को स्वास्थ्य लाभ देने में सरकारी चिकित्सालयों और कर्मियों ने अग्रणी भूमिका निभाई है. इससे जनता का विश्वास सरकारी संस्थाओं पर बढ़ा है. निष्पक्ष और सभी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण की प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए. सुनील यादव ने सरकार से अपील की है कि जल्द ही 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को कोविड वैक्सीन लगाई जाए. साथ ही टीकाकरण की प्रक्रिया को और सुगम किया जाए.
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'एक निष्पक्ष और स्वस्थ दुनिया का हो निर्माण'
स्वास्थ्य मानव का मौलिक अधिकार है. बिना किसी भेदभाव के हर किसी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर एक स्वस्थ दुनिया का निर्माण किया जा सकता है. इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आज का विषय 'एक निष्पक्ष और स्वस्थ दुनिया का निर्माण' (Building A Fairer, Healthier World) निर्धारित किया गया है. सुनील यादव ने कहा कि हम जानते हैं कि स्वास्थ्य एक मानव अधिकार है, लेकिन आर्थिक विषमताओं वाले इस देश में सभी को निष्पक्ष स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना बेहद कठिन है. गरीबी और अशिक्षा के कारण जागरूकता का अभाव इस उद्देश्य के रास्ते का रोड़ा है. इसके लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों और सरकार को इसे पूरा करने का संकल्प लेना होगा.
'आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं'
वित्तीय कठिनाई के बिना जरूरतमंदों को किसी भी समय गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाए मिल सकें, इसका ईमानदारी से प्रयास होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र तो स्थित हैं, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. सुनील यादव ने कहा कि उपकेंद्रों पर फार्मासिस्टों की तैनाती कर हर वर्ग को स्वास्थ्य सेवा देने की ओर कदम बढ़ाया जाना चाहिए.
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'स्वास्थ सेवाएं हों निःशुल्क'
स्वास्थ्य के क्षेत्र को पूरी तरह निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण और सर्वसुलभ बनाया जाना आवश्यक है. औषधि निर्माण, अनुसंधान के क्षेत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है. भारत में फार्मेसी प्रोफेशनल लगभग 13 लाख से अधिक हैं और हर साल इसमें बढ़ोत्तरी हो रही है. सरकार को इनका प्रयोग स्वास्थ्य क्षेत्र को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए करना चाहिए.
'79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से पीड़ित'
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, तीन वर्ष की अवस्था वाले 3.88 प्रतिशत बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है. साथ ही 46 प्रतिशत बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं, जबकि 79.2 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं. गर्भवती महिलाओं में एनीमिया 50 से 58 प्रतिशत बढ़ा है. प्राथमिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जागरूकता अगर बढ़ दी जाए तो ये आंकड़े निश्चित ही बदलेंगे. सुनील यादव ने इस दौरान सभी प्रदेश वासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और टीकाकरण कराने की अपील की.