लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा चुनावी खर्च किए जाने पर जिलाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित चुनाव खर्च की सीमा से अधिक खर्च किए जाने पर जमानत राशि जब्त किए जाने की बात भी कही गई है. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार की तरफ से सभी जिलाधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. आयोग ने कहा है कि निर्धारित खर्च से अधिक खर्च करने पर जमानत राशि जब्त की जाएगी.
राज्य निर्वाचन आयोग ने ने जारी किए हैं आदेश
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने पंचायत चुनाव की औपचारिक नोटिफिकेशन जारी होने से पहले चुनाव खर्च और अन्य दिशानिर्देशों को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं. सभी जिलाधिकारी यानी जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए. जिसमें जिला कमेटी क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव खर्च पर पूरी निगरानी रखेगी. इसी तरह प्रधान पद के लिए तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी. नामांकन करने की तिथि से निर्वाचन की घोषणा तक प्रत्याशियों को प्रतिदिन के अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप वाले लेखा रजिस्टर में लिखना होगा. ग्राम पंचायत सदस्य को छोड़कर अन्य पदों के प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए अलग से बैंक खाता भी खोलना होगा. चुनाव खत्म होने के 3 माह में प्रत्याशियों को लेखा रजिस्टर वाउचर सहित कमेटी को सौंपना होगा. जांच में अधिकतम खर्च की सीमा से ज्यादा खर्च होने की स्थिति में संबंधित प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी.
इन पदों पर यह है खर्च की निर्धारित सीमा, नहीं हुई है बढ़ोतरी
राज्य निर्वाचन आयोग ने 2021 में होने जा रहे पंचायत चुनाव में चुनाव खर्च की निर्धारित सीमा में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है. चुनाव खर्च साल 2015 में निर्धारित खर्च के अनुसार माना जाएगा. ग्राम पंचायत सदस्य के लिए खर्च की सीमा 10 हजार रुपये, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 75 हजार, जिला पंचायत सदस्य के लिए 1.50 लाख, ब्लाक प्रमुख के लिए दो लाख, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चार लाख रुपये तक खर्च की सीमा रहेगी.
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ये है नामांकन राशि
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के पद के अनुसार नामांकन राशि निर्धारित की गई है. इसमें ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन राशि 150 रुपये होगी. प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 300 रुपये, जिला पंचायत सदस्य के लिए 500 रुपये, ब्लॉक प्रमुख के लिए 800 रुपये व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 1500 रुपये नामांकन राशि निर्धारित की गई है. आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए नामांकन राशि सभी पदों पर आधी होगी.
ये है जमानत राशि
निर्वाचन आयोग के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए जमानत राशि 500 रुपये होगी, वहीं प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए 2000 रुपये, जिला पंचायत सदस्य के लिए 4000 रुपये, ब्लॉक प्रमुख के लिए जमानत राशि 5000 रुपये व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 10,000 रुपये जमानत राशि जमा करने का प्रावधान किया गया है. आरक्षित वर्ग के लिए जमानत राशि 50 फीसद होगी. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चुनाव में कुल पड़े वोटों का 1/5 से कम वोट मिलने पर सम्बंधित उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त करने की व्यवस्था है.
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सहकारी समितियों के पदाधिकारी नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव
इसके अलावा निर्वाचन आयोग की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को यह आदेश भी दिए गए हैं कि किसी भी सहकारी समिति में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद पर आसीन व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की संबंधित धारा का जिक्र करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र जारी किया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां सभी विकासखंडों के तहत आने वाली समितियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के नाम-पते की सूची खंड विकास अधिकारियों और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को उपलब्ध करा दें. ये सूचियां सदस्य ग्राम पंचायत और प्रधान ग्राम पंचायत के नाम निर्देशन के समय उनके पास उपलब्ध रहें. जिससे कि यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जो व्यक्ति बकायेदार है, जिससे नामांकन के समय बकाया भुगतान के बाद ही एनओसी देने के बाद चुनाव में शामिल हो पाएगा.