लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई महीने में प्रस्तावित पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता बनने का एक और मौका दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है कि 22 जनवरी 2021 को अंतिम वोटर लिस्ट जारी होने के बावजूद मतदाता ना बनने वाले लोगों को विशेष अभियान चलाकर उनके नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाए. इसके साथ ही किसी के नाम में कोई संशोधन कराना हो या फिर नाम हटाना हो तो वह भी करने के आदेश दिए गए हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी करके छूटे हुए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने का आदेश दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह अंतिम मौका उन मतदाताओं को दिया जा रहा है जो कि किन्हीं कारणवश मतदाता बनने से वंचित रह गए हैं. जिलाधिकारी अपने स्तर से नामांकन से 1 दिन पहले तक ऐसे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करने की कार्रवाई करें.
नाम में संशोधन करवाने का भी मौका
इसके अलावा जिलों के नाम में कोई त्रुटि आदि है तो उसे भी संशोधित किया जा सकता है. साथ ही जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने हैं, उनके भी नाम हटाने की कार्रवाई इसी विशेष अभियान के अंतर्गत की जाएगी. आयोग ने यह भी कहा है कि विशेष अभियान के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदाता सूची में छूटने ना पाए और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में शामिल न हो सके, इसको लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं.
फिलहाल 12 करोड़ 27 लाख हैं मतदाता
22 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया था. इसमें उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 मतदाता के नाम शामिल थे. यह मतदाता प्रदेश के 71 जिलों में हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत बनाए गए हैं. वर्ष 2015 में हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत 11 करोड़ 74 लाख मतदाताओं की संख्या थी, जो इस बार बढ़कर 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 हो गई. करीब 52 लाख नए मतदाता पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बढ़े हैं.