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Krishi Kumbh : दिसंबर में होगा आयोजन, शामिल होंगे इजराइल समेत कई देशों के किसान और कृषि वैज्ञानिक - यूपी में किसान सम्मेलन

वर्ष 2018 के बाद एक बार फिर यूपी सरकार कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) आयोजित करने की तैयारी कर रही है. कृषि मंत्री डॉ. सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को मीडिया से कृषि कुंभ मेले के आयोजन से संबंधित जानकारियां साझा कीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 14, 2023, 9:12 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में पहली बार कृषि कुंभ आयोजित हुआ था और अब पांच साल बाद एक बार फिर दूसरे कृषि कुंभ का आयोजन किया जाएगा. दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में यह कृषि कुंभ आयोजित होगा. इस कृषि कुंभ में इजराइल समेत तमाम देशों के वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे. पिछली बार इस आयोजन में जितने देश शामिल हुए थे उनके अलावा कई अन्य नए देशों को भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से न्योता भेजा जाएगा. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कुंभ मेले के बारे में जानकारी दी.




कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि कुंभ में लेकर आयोजन के लिए एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियां बनाई गई हैं. इन समितियों ने अपना काम शुरू कर दिया है. कृषि मंत्री ने बताया कि इस बार चार दिवसीय कृषि कुंभ का आयोजन होगा और इसमें दो लाख किसान शामिल होंगे. पिछली बार तीन दिन का कृषि कुंभ आयोजित हुआ था. कृषि से जुड़े जितने भी इंस्टीट्यूशन हैं, अंतर्राष्ट्रीय संस्थान जो भारत में है उनके स्टाल कृषि कुंभ में लगाए जाएंगे. लगभग 500 संस्थाओं की भागीदारी के प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि उत्पादक संगठन आधारित व्यवसाय, डिजिटल एग्रीकल्चर स्टार्टर और दैनिक और सब्जियों के उत्पादन के उत्कृष्ट उत्पादन की दृष्टि से बढ़ाए जाने का प्रयास किया जाएगा. गन्ना में भी हम उत्पादन और उत्पादकता तेजी से बढ़ा सकें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पशुओं का एक विशाल मेला भी इस समय आयोजित किया जाएगा. उनके रखरखाव, चारा उत्पादन जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा की जाएगी. कृषि मंत्री ने बताया कि पराली से कंप्रेस्ड बायोगैस बनाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं. गोरखपुर और बरेली में इसके लिए फैक्ट्री भी स्थापित की गई है. अब तक बड़ी संख्या में यहां पर पराली पहुंचाई जा चुकी है.




कृषि मंत्री डॉ. सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पिछली बार जिन देशों ने हिस्सा लिया था उससे भी ज्यादा देश इस बार इस कृषि कुंभ में आएं, इसके लिए उन्हें बुलावा भेजा जाएगा. वहां के किसान और कृषि वैज्ञानिक कृषि कुंभ में शिरकत करेंगे. इजरायल, फिलिपींस, दक्षिण कोरिया और जापान समेत कई देश इस आयोजन में हिस्सेदारी करेंगे. उन्होंने बताया कि इस कृषि कुंभ में विश्व के कई देशों के किसानों और वैज्ञानिकों के साथ जलवायु परिवर्तन पर भी सार्थक चर्चा होगी. किस तरह की कृषि की आवश्यकता है इसके बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार कृषि कुंभ पिछले बार से कहीं ज्यादा भव्य होगा. इसके सार्थक परिणाम भविष्य में जरूर देखने को मिलेंगे.

यह भी पढ़ें : मेरठ के कृषि कुंभ में जुटेंगे 6 राज्यों से वैज्ञानिक, 150 कंपनियां मेले में होंगी शामिल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में पहली बार कृषि कुंभ आयोजित हुआ था और अब पांच साल बाद एक बार फिर दूसरे कृषि कुंभ का आयोजन किया जाएगा. दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में यह कृषि कुंभ आयोजित होगा. इस कृषि कुंभ में इजराइल समेत तमाम देशों के वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे. पिछली बार इस आयोजन में जितने देश शामिल हुए थे उनके अलावा कई अन्य नए देशों को भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से न्योता भेजा जाएगा. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कुंभ मेले के बारे में जानकारी दी.




कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि कुंभ में लेकर आयोजन के लिए एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियां बनाई गई हैं. इन समितियों ने अपना काम शुरू कर दिया है. कृषि मंत्री ने बताया कि इस बार चार दिवसीय कृषि कुंभ का आयोजन होगा और इसमें दो लाख किसान शामिल होंगे. पिछली बार तीन दिन का कृषि कुंभ आयोजित हुआ था. कृषि से जुड़े जितने भी इंस्टीट्यूशन हैं, अंतर्राष्ट्रीय संस्थान जो भारत में है उनके स्टाल कृषि कुंभ में लगाए जाएंगे. लगभग 500 संस्थाओं की भागीदारी के प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि उत्पादक संगठन आधारित व्यवसाय, डिजिटल एग्रीकल्चर स्टार्टर और दैनिक और सब्जियों के उत्पादन के उत्कृष्ट उत्पादन की दृष्टि से बढ़ाए जाने का प्रयास किया जाएगा. गन्ना में भी हम उत्पादन और उत्पादकता तेजी से बढ़ा सकें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पशुओं का एक विशाल मेला भी इस समय आयोजित किया जाएगा. उनके रखरखाव, चारा उत्पादन जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा की जाएगी. कृषि मंत्री ने बताया कि पराली से कंप्रेस्ड बायोगैस बनाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं. गोरखपुर और बरेली में इसके लिए फैक्ट्री भी स्थापित की गई है. अब तक बड़ी संख्या में यहां पर पराली पहुंचाई जा चुकी है.




कृषि मंत्री डॉ. सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पिछली बार जिन देशों ने हिस्सा लिया था उससे भी ज्यादा देश इस बार इस कृषि कुंभ में आएं, इसके लिए उन्हें बुलावा भेजा जाएगा. वहां के किसान और कृषि वैज्ञानिक कृषि कुंभ में शिरकत करेंगे. इजरायल, फिलिपींस, दक्षिण कोरिया और जापान समेत कई देश इस आयोजन में हिस्सेदारी करेंगे. उन्होंने बताया कि इस कृषि कुंभ में विश्व के कई देशों के किसानों और वैज्ञानिकों के साथ जलवायु परिवर्तन पर भी सार्थक चर्चा होगी. किस तरह की कृषि की आवश्यकता है इसके बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार कृषि कुंभ पिछले बार से कहीं ज्यादा भव्य होगा. इसके सार्थक परिणाम भविष्य में जरूर देखने को मिलेंगे.

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