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यूपी निकाय चुनाव: मतदान के महीने में 3 हजार करोड़ से अधिक की पी गई शराब

यूपी निकाय चुनाव के चलते शराब की बिक्री (Liquor in UP Municipal elections) बढ़ गयी है. ऐसा हम नहीं, सरकारी आंकड़े बता रहे हैं. मतदान के महीने में 3 हजार करोड़ से अधिक की शराब की खपत हुई है.

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Published : May 3, 2023, 6:43 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए प्रचार का शोर मंगलवार की शाम 6 बजे थामने के साथ ही 37 जिलों की शराब की दुकानें बंद (Liquor shops closed in 37 districts) हो गई हैं. ये दुकानें मतदान समाप्त होने तक बंद रहेंगी. पहले चरण में 4 मई को 9 मंडलों के 37 जिलों में मतदान होना है. झांसी, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, वृंदावन-मथुरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर व आगरा में मेयर चुनने के लिए वोट डाले जाएंगे. वहीं चुनाव माह के चलते अप्रैल में जम कर शराब की बिक्री हुई. पिछले साल अप्रैल माह की अपेक्षा इस साल डेढ़ सौ करोड़ अधिक शराब की बिक्री हुई.

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि, राज्य सरकार की ओर से शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव कराने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए शराब दुकान की बंदी के आदेश जारी किए गए हैं. राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 37 जिलों में इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. प्रशासनिक स्तर पर शराब दुकानों और नशे की अन्य सामग्रियों की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है. आदेश का अनुपालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. यह दुकानें मंगलवार शाम 6 बजे से 4 मई को मतदान समाप्त होने तक बंद रहेंगी.


इन जिलों में है मतदान: पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर,लखीमपुर खीरी, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली और जौनपुर में मतदान होना है। इसमें 10 नगर निगम, 104 नगर परिषद, 276 नगर पंचायतों में मतदान होना है.

निकाय चुनाव में जम कर पी गई शराब: उत्तर प्रदेश के किसी भी चुनाव में शराब की चर्चा न हो ऐसा बहुत ही मुश्किल है. लिहाजा निकाय चुनाव में भी जम कर शराब परोसी गई है. आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2022 अप्रैल माह में आबकारी विभाग को शराब बिक्री से 3,150 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष अप्रैल माह में 3,313 करोड़ राजस्व मिला है. इसका मतलब निकाय चुनाव के चलते बीते साल की अपेक्षा 163 करोड़ अधिक राजस्व मिला है.

ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी में मां-बेटी की धारदार हथियार से हत्या, जांच में जुटी पुलिस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए प्रचार का शोर मंगलवार की शाम 6 बजे थामने के साथ ही 37 जिलों की शराब की दुकानें बंद (Liquor shops closed in 37 districts) हो गई हैं. ये दुकानें मतदान समाप्त होने तक बंद रहेंगी. पहले चरण में 4 मई को 9 मंडलों के 37 जिलों में मतदान होना है. झांसी, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, वृंदावन-मथुरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर व आगरा में मेयर चुनने के लिए वोट डाले जाएंगे. वहीं चुनाव माह के चलते अप्रैल में जम कर शराब की बिक्री हुई. पिछले साल अप्रैल माह की अपेक्षा इस साल डेढ़ सौ करोड़ अधिक शराब की बिक्री हुई.

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि, राज्य सरकार की ओर से शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव कराने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए शराब दुकान की बंदी के आदेश जारी किए गए हैं. राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 37 जिलों में इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. प्रशासनिक स्तर पर शराब दुकानों और नशे की अन्य सामग्रियों की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है. आदेश का अनुपालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. यह दुकानें मंगलवार शाम 6 बजे से 4 मई को मतदान समाप्त होने तक बंद रहेंगी.


इन जिलों में है मतदान: पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर,लखीमपुर खीरी, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली और जौनपुर में मतदान होना है। इसमें 10 नगर निगम, 104 नगर परिषद, 276 नगर पंचायतों में मतदान होना है.

निकाय चुनाव में जम कर पी गई शराब: उत्तर प्रदेश के किसी भी चुनाव में शराब की चर्चा न हो ऐसा बहुत ही मुश्किल है. लिहाजा निकाय चुनाव में भी जम कर शराब परोसी गई है. आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2022 अप्रैल माह में आबकारी विभाग को शराब बिक्री से 3,150 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष अप्रैल माह में 3,313 करोड़ राजस्व मिला है. इसका मतलब निकाय चुनाव के चलते बीते साल की अपेक्षा 163 करोड़ अधिक राजस्व मिला है.

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