लखनऊ : मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बीते जुलाई महीने में हुए साक्षात्कार में चुने गए 44 डॉक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया 15 सितंबर से शुरू करा दी जाएगी. इसमें से आधे डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में तैनात होंगे. अन्य की तैनाती डॉक्टर की कमी से बंद पड़े हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में की जाएगी.
बता दें, सीएमओ के अधीन नौ नगरीय स्वास्थ्य केंद्र काफी समय से बंद पड़े हैं. वहां पर तैनात डॉक्टर इस्तीफा देकर दूसरे संस्थान चले गए. इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर 11 के डॉक्टर भी एक-एक करके नौकरी छोड़ गए. वहीं सरकारी अस्पताल बलरामपुर सिविल व लोकबंधु समेत अन्य अस्पतालों में मेडिकल अफसर डॉक्टरों की कमी है. डॉक्टरों कमी पूरा करने लिए सीएमओ ने डीएम से साक्षात्कार के लिए अनुमति मांगी थी. डीएम ने उस पर मुहर लगा दी थी. जिसके बाद सीएमओ आफिस में जुलाई माह में वॉक इन इंटरव्यू जरिए डॉक्टरों का साक्षात्कार हुआ था. एक माह बाद परिणाम जारी हुआ था. इसमें आधे डॉक्टर सीएमओ के अधीन तैनात होंगे. बाकी सरकारी अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे.
बता दें, जिला अस्पतालों में डॉक्टर की कमी के कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मरीज को इलाज लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे मरीज सुबह 8 बजे का अस्पताल गया होता है, उसे शाम के 3 बज जाते हैं. यह सारी दिक्कतें डॉक्टरों की कमी के कारण होती है. कई बार मरीज को डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए अगले दिन या अगले तारीख का इंतजार करना पड़ता है. अगर अस्पताल में पर्याप्त विशेषज्ञ डॉक्टर हों तो हर मरीज को समय पर समुचित इलाज मिल सकेगा. इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने बाकी के डॉक्टर को जिला अस्पताल और हेल्थ एटीएम में नियुक्त करने की बात कही है, ताकि इन डॉक्टरों के जरिए डॉक्टर की कमी को दूर की जा सके.
Deputy CM Brajesh Pathak ने कहा-गांवों में मिलेगा तुरंत इलाज, दौड़ेंगी मोबाइल मेडिकल यूनिट