लखनऊ: दामों के बढ़ने और घटने की मुख्य वजह सब्जियों की स्थानीय बाड़ियों से आवक होने से दामों पर फर्क पड़ रहा है. जब सब्जियों की स्थानीय बाड़ियों से आवक बढ़ती है तो दाम घट जाते हैं और जब आवक कम हो जाती है तो दाम बढ़ने लगते हैं. बात करें अगर तोरई, भिंडी की तो बीते माह में महंगे दामों में बिकने के बाद अभी थोड़ी राहत मिली थी कि फिर से दाम बढ़ गए हैं. अभी पिछले महीने 40 रुपये में तोरई और भिंडी बिक रही थी. लेकिन, अचानक फिर से दाम गिर गए. दोनों सब्जियों की स्थानीय आवक तेज हुई तो दाम घट गए. बात करें लौकी, गोभी, टमाटर और कद्दु की तो इन सभी के दाम कुछ दिन पहले बढ़े हुए थे. जैसे ही इनकी स्थानीय बाड़ियों से आवक हुई, इनके दामों में कमी आ गई.
इसका पहला बड़ा कारण डीजल के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है. डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ जाता है और बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. इन दिनों सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण डीजल है. इसके साथ ही बारिश भी एक कारण है. इसके कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. बारिश के कारण सब्जियों को नुकसान पहुंचा था. इसके चलते भी दामों में इजाफा हुआ है.
मंडी में सब्जियों के दाम
कटहल- 6 रुपये किलो, प्याज- 15 रुपये किलो, टमाटर- 16 रुपये किलो, आलू- 14 रुपये किलो, नींबू- 70 रुपये किलो, तोरई- 15 रुपये किलो, लहसुन- 80 रुपये किलो, करेला- 35 रुपये किलो, परवल- 40 रुपये किलो, सेम- 30 रुपये किलो, शिमला मिर्च- 10 रुपये किलो, कद्दू- 7 रुपये किलो, लौकी- 8 रुपये किलो, पालक- 10 रुपये किलो, भिंडी- 20 रुपये किलो, मिर्च- 40 रुपये किलो, गोभी- 8 रुपये पर पीस, गाजर- 8 रुपये किलो.
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