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पांच साल से नहीं मिला मानदेय, दिल्ली में धरना देंगे 25 हजार मदरसा शिक्षक - मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति

यूपी के 25 हजार मदरसा शिक्षकों ने अपने बकाया मानदेय की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति शनिवार से दिल्ली के जंतर मंतर पर अब धरना देकर केंद्र सरकार पर भुगतान के लिए दबाव बनाएंगे.

मदरसा आधुनिक शिक्षक.
मदरसा शिक्षक.
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Published : Dec 16, 2021, 1:32 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक ओर चुनाव का जोर है तो दूसरी तरफ सड़कों पर अभ्यर्थी, कर्मचारी और वह लोग उतरने लगे हैं, जिनकी मांगे लंबे समय से पूरी नहीं हुई हैं. इसी कड़ी में यूपी के 25 हजार मदरसा शिक्षकों ने अपने बकाया मानदेय की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति शनिवार से दिल्ली के जंतर मंतर पर अब धरना देकर केंद्र सरकार पर भुगतान के लिए दबाव बनाएंगे.


पांच सालों से वेतन की आस में भटकते मदरसा शिक्षक

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पिछले पांच सालों से उनका बकाया वेतन / मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे नाराज मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने 18 दिसंबर से नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है. यूपी के यह 25 हजार मदरसा शिक्षक इससे पहले कई बार अपनी मांग मनवाने के लिए लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले अब मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक इस बार आर-पार के मूड में हैं.

इसे भी पढ़ें- 52 महीने से नहीं मिला मानदेय, सड़कों पर उतरे 25 हजार मदरसा शिक्षक

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री के आदेशों की खुली अवहेलना के साथ-साथ यह संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही का एक बहुत ही बड़ा उदाहरण है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान की बात कह कर अल्पसंख्यकों के शैक्षिक उत्थान एवं विकास के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हुए हैं.

इसरार अहमद ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक योजना में लगभग 40 प्रतिशत हिन्दू शिक्षक भी कार्यरत हैं, फिर भी अभी तक वेतन भुगतान के लिए कोई भी कार्रवाई न करना यह दर्शाता है कि शासन में उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों की नजर में प्रधानमंत्री के विजन की कोई अहमियत ही नहीं है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक ओर चुनाव का जोर है तो दूसरी तरफ सड़कों पर अभ्यर्थी, कर्मचारी और वह लोग उतरने लगे हैं, जिनकी मांगे लंबे समय से पूरी नहीं हुई हैं. इसी कड़ी में यूपी के 25 हजार मदरसा शिक्षकों ने अपने बकाया मानदेय की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति शनिवार से दिल्ली के जंतर मंतर पर अब धरना देकर केंद्र सरकार पर भुगतान के लिए दबाव बनाएंगे.


पांच सालों से वेतन की आस में भटकते मदरसा शिक्षक

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पिछले पांच सालों से उनका बकाया वेतन / मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे नाराज मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने 18 दिसंबर से नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है. यूपी के यह 25 हजार मदरसा शिक्षक इससे पहले कई बार अपनी मांग मनवाने के लिए लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले अब मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक इस बार आर-पार के मूड में हैं.

इसे भी पढ़ें- 52 महीने से नहीं मिला मानदेय, सड़कों पर उतरे 25 हजार मदरसा शिक्षक

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के प्रदेश सलाहकार इसरार अहमद इदरीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री के आदेशों की खुली अवहेलना के साथ-साथ यह संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही का एक बहुत ही बड़ा उदाहरण है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान की बात कह कर अल्पसंख्यकों के शैक्षिक उत्थान एवं विकास के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हुए हैं.

इसरार अहमद ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक योजना में लगभग 40 प्रतिशत हिन्दू शिक्षक भी कार्यरत हैं, फिर भी अभी तक वेतन भुगतान के लिए कोई भी कार्रवाई न करना यह दर्शाता है कि शासन में उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों की नजर में प्रधानमंत्री के विजन की कोई अहमियत ही नहीं है.

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