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उत्तर प्रदेश पुलिस की तर्ज पर यूपी की जेलकर्मियों को भी मिला प्रतीक चिह्न

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Published : Jan 3, 2023, 11:01 PM IST

यूपी जेल अधिकारी और जेलकर्मियों अब यूपी पुलिस की तरह वर्दी पर विभाग का प्रतीक चिह्न लगाएंगे. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर जेलकर्मियों को प्रतीक चिन्ह देने का निर्णय लिया गया है.

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डीजी जेल आनंद कुमार ने मुख्यालय के अधिकारियों की वर्दी पर विभाग का प्रतीक चिह्न लगाया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में तैनात जेल अधिकारी और जेलकर्मी अब यूपी पुलिस की तर्ज पर वर्दी पर प्रतीक चिह्न लगाएंगे. मंगलवार को डीजी जेल आनंद कुमार ने मुख्यालय के अधिकारियों और बंदीरक्षकों की वर्दी के दाहिने जेब के ऊपर विभाग का प्रतीक चिह्न लगाया.

डीजी आनंद कुमार ने बताया कि जेल में यह व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है. प्रदेश की जेलों में तैनात अधिकारी और बंदीरक्षक दाहिने तरफ जेब के पास लगी नेम प्लेट के ऊपर इसे पहनेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की कारागारों में पूरे देश के लगभग 24 प्रतिशत बंदी निरूद्ध हैं. प्रदेश के कारागारकर्मी सम्पूर्ण देश में सबसे महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. कारागार विभाग ब्रिटिशकालीन जेलों की शोषक उत्पीड़क छवि से उबरकर बंदियों के कल्याण व सुधारात्मक गतिविधियों में योगदान दे रहा है.

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव व नववर्ष 2023 के शुभ अवसर पर कारागार विभाग द्वारा अर्जित की गयी उपलब्धियों को देखते हुए, जेल मैनुअल 2022 के पैरा 905 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए कारागार विभाग के समस्त वर्दीधारी कर्मचारियों को प्रतीक चिन्ह देने का निर्णय लिया गया है. बीते वर्षों में किये गये बंदी उत्थान, कोविड विभीषिका से बचाव हेतु कुशल प्रबन्धन एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिये जाने के दृष्टिगत् कारागार विभाग को यह प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जा रहा है.

ये भी पढ़ेः चारबाग राम प्रसाद बिस्मिल तो वीरांगना ऊदा देवी के नाम से जाना जाएगा आलमबाग बस अड्डा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में तैनात जेल अधिकारी और जेलकर्मी अब यूपी पुलिस की तर्ज पर वर्दी पर प्रतीक चिह्न लगाएंगे. मंगलवार को डीजी जेल आनंद कुमार ने मुख्यालय के अधिकारियों और बंदीरक्षकों की वर्दी के दाहिने जेब के ऊपर विभाग का प्रतीक चिह्न लगाया.

डीजी आनंद कुमार ने बताया कि जेल में यह व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है. प्रदेश की जेलों में तैनात अधिकारी और बंदीरक्षक दाहिने तरफ जेब के पास लगी नेम प्लेट के ऊपर इसे पहनेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की कारागारों में पूरे देश के लगभग 24 प्रतिशत बंदी निरूद्ध हैं. प्रदेश के कारागारकर्मी सम्पूर्ण देश में सबसे महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. कारागार विभाग ब्रिटिशकालीन जेलों की शोषक उत्पीड़क छवि से उबरकर बंदियों के कल्याण व सुधारात्मक गतिविधियों में योगदान दे रहा है.

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव व नववर्ष 2023 के शुभ अवसर पर कारागार विभाग द्वारा अर्जित की गयी उपलब्धियों को देखते हुए, जेल मैनुअल 2022 के पैरा 905 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए कारागार विभाग के समस्त वर्दीधारी कर्मचारियों को प्रतीक चिन्ह देने का निर्णय लिया गया है. बीते वर्षों में किये गये बंदी उत्थान, कोविड विभीषिका से बचाव हेतु कुशल प्रबन्धन एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिये जाने के दृष्टिगत् कारागार विभाग को यह प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जा रहा है.

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