लखनऊ: राज्य मुख्यालय शासन के गृह विभाग द्वारा आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर एक आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इस आरोप पत्र में अमिताभ ठाकुर पर 3 आरोप लगाए गए हैं, जिनका जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है. इन आरोपों के लिए आईपीएस अमिताभ ठाकुर को विभागीय जांच का सामना करना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश शासन ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर आरोप पत्र निर्गत किया है. इस आरोप पत्र में अमिताभ ठाकुर पर 3 आरोप लगाए गए हैं.
आरोप पत्र में अमिताभ ठाकुर पर लगाए गए आरोप
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से जारी आरोप पत्र के अनुसार,
- अमिताभ ठाकुर द्वारा 16 नवंबर 1993 को आईपीएस के रूप में सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया. अमिताभ ठाकुर ने 1993 से लेकर 1999 तक की वार्षिक संपत्ति का विवरण शासन को एक साथ दिया.
- अमिताभ ठाकुर द्वारा वर्ष वार दिए गए वार्षिक संपत्ति विवरण में काफी भिन्नता पायी गई है.
- अमिताभ ठाकुर की पत्नी व बच्चों के नाम पर काफी संख्या में चल एवं अचल संपत्ति और उपहार प्राप्त हुए हैं, लेकिन अमिताभ ठाकुर ने इसकी सूचना शासन को नहीं दी.
आरोप पत्र जारी करते हुए शासन ने अमिताभ ठाकुर द्वारा किए गए इन कार्यों को अखिल भारतीय आचरण नियमावली 1968 के नियम 16(1) और 16(2) का उल्लंघन करार दिया है. इतना ही नहीं शासन ने 15 दिन में इन आरोपों के संदर्भ में अपना जवाब पेश करने को कहा गया है.
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने आरोप पत्र के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि आरोप पत्र में लगाए गए सभी बिंदुओं पर पूर्व में एक अन्य विभागीय जांच हो चुकी है, जिसमें अमिताभ को निर्दोष पाया गया था. इसके बाद भी मात्र परेशान करने के उद्देश्य से दोबारा उन्हीं आरोपों की जांच शुरू की गई है. बता दें कि इससे पूर्व अमिताभ पर चार विभागीय कार्रवाई प्रचलित हैं जो वर्ष 2015-16 में शुरू हुई थी.