लखनऊ: यूपी सरकार अगले 100 दिनों में आगरा, कानपुर और गोरखपुर में तीन फ्लैटेड फैक्ट्री, अलीगढ़ में एक मिनी औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ संत कबीरदास नगर और चंदौली में जनसुविधा केंद्रों का शिलान्यास करने जा रही है. इसके अलावा फर्रुखाबाद और तालकटोरा (लखनऊ) में औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार कार्य भी शुरू किया जाएगा. इसी के चलते अब मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ किया जा रहा है.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और निर्यात संवर्धन विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 100 दिन, छह महीने, दो साल और पांच साल के लक्ष्य पर प्रस्तुतीकरण दी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने विभाग को निवेश और उत्पादन बढ़ाने, बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और बढ़ावा देने के लिए समयबद्ध तरीके से अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने का निर्देश दिए है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले प्रदेश का निर्यात अगले दो वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये और पांच वर्षों में दोगुना करके 3 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.
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वहीं, अन्य लक्ष्यों के अनुसार प्रदेश में छह एमएसएमई पार्क स्थापित करना, कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर स्थापित करना और बैंकों के सहयोग से एमएसएमई क्षेत्र के ऋण वितरण को बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. दरअसल उत्तर प्रदेश ने पिछले पांच वर्षों में अपने निर्यात में 41 प्रतिशत की वृद्धि देखी है जो 2017-18 में 88,967 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 (जनवरी 2022 तक) में 125,903.76 करोड़ हो गया है.
इसके इस साल के अंत तक डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. इस बीच, विभाग का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पांच लाख और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत 1.5 लाख कारीगरों को टूल किट वितरण और ऋण की सुविधा देना है. इसके अलावा, विभाग ने अगले पांच वर्षों में 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने और ओडीओपी उत्पादों की बिक्री दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.
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