लखनऊ : योगी सरकार के फैसलों ने यूपी में गन्ना किसानों और चीनी उद्योग दोनों की सूरत बदल दी है. दम तोड़ रहे चीनी उद्योग को नई उड़ान देने के साथ ही राज्य सरकार ने गन्ना किसानों की किस्मत भी बदल दी है. योगी सरकार ने गन्ना किसानों को भुगतान का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अब तक 45.44 लाख से अधिक गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने 1,37,518 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है. यह बसपा सरकार से दोगुना और सपा सरकार के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक है. बसपा सरकार में गन्ना किसानों को 52,131 करोड़ का कुल भुगतान किया गया था, जबकि सपा सरकार के पांच साल में गन्ना किसानों को 95,215 करोड़ का कुल भुगतान किया गया.
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों के 10,661.09 करोड़ के बकाये का भुगतान भी योगी सरकार ने किसानों को किया है. पिछली सरकारों में एक के बाद एक बंद होती चीनी मिलों को योगी सरकार ने न सिर्फ दोबारा शुरू कराया बल्कि यूपी को देश में गन्ना एवं चीनी उत्पादन में नंबर वन बना दिया. राज्य सरकार ने तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 समेत यूपी में कुल 4,289 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई कर 475.69 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है. वर्ष 2017-18 से 31 मार्च, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से प्रदेश में कुल 280.54 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ है, जो कि एक रिकॉर्ड है.
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि 25 सालों में पहली बार 267 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए. इनमें से 176 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं. इन इकाइयों में 388 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 20,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. सपा और बसपा की सरकार में बकाया भुगतान के लिए गन्ना किसानों को दर-दर भटकना पड़ता था. हालात से परेशान कई किसान गन्ना उत्पादन से तौबा कर बैठे थे. लेकिन योगी सरकार ने गन्ना मूल्य का ऐतिहासिक भुगतान कर किसानों को गन्ने की मिठास लौटा दी है. प्रदेश में 45.44 लाख से अधिक गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान हैं और लगभग 67 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं. आज देश में 47% चीनी का उत्पादन यूपी में हो रहा है और गन्ना सेक्टर का प्रदेश की जीडीपी में 8.45 प्रतिशत एवं कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20.18 प्रतिशत का योगदान है.
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