लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में हाइड्रोजन से जुड़े उद्यमियों को बड़ी सहूलियत देने की योजना तैयार की है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले उद्यमियों को हाइड्रोजन उत्पादन (hydrogen production) के क्षेत्र में अधिक से अधिक सहूलियत देने का फैसला किया गया है. जिसको लेकर सरकार ने पूरी कार्ययोजना तैयार की है. ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen) बनाने के काम में करीब 50 फीसद छूट देने की योजना बनाई गई है.
दरअसल राज्य सरकार ने डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और वाहनों में इसके उपयोग के चलते बढ़ने वाले प्रदूषण से ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने का फैसला किया है. केंद्र सरकार भी ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए पूरी तरह से तत्पर है. इसी दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा हरित ऊर्जा मुहिम के अंतर्गत पहल की है. उत्तर प्रदेश सरकार के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन मैन्युफैक्चरिंग के काम को खुद के स्तर पर करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश में इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी विकसित करने की प्लानिंग की गई है. प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन व अमोनिया उत्पादन करने वाले उद्यमियों को बड़ी सहूलियत देने की रणनीति बनाई गई है. इसके लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए औद्योगिक जल के इस्तेमाल पर 50 फीसद की उपभोग दरों में बड़ी छूट देने का राज्य सरकार ने फैसला किया है.
इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के अलावा निवेशकों (investors) को अपनी ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन इकाई लगाने के लिए स्टांप शुल्क को लैंड टैक्स भू उपयोग परिवर्तन दर में 50 फीसद की छूट की सुविधा दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. ग्रीन हाइड्रोजन बनाने वाले निवेशकों को राज्य सरकार बड़ी सुविधा देने के लिए तैयारी कर रही है. उत्तर प्रदेश में फरवरी महीने में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में तमाम देश-विदेश के उद्यमियों को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्लस्टर बढ़ाने के लिए यह बड़ी सहूलियत देने का फैसला किया गया है. जिसे आने वाले कुछ दिनों में कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जाएगी. सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही नई यूपी ग्रीन हाइड्रोजन नीति (New UP Green Hydrogen Policy) लाने वाली है.
इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उत्पादन करने वाले निवेशकों को निर्माण यूनिट के लिए पानी व बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गई और इसके लिए भी सब्सिडी दी जाएगी. इस उद्योग में अच्छी तकनीक जानने वाले कर्मचारियों की जरूरत को देखते हुए युवाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए सरकारी सहायता भी जाने का फैसला किया गया है. शोध व अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए सरकार 30 फीसद की वृद्धि सहायता भी देगी. उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन के काम को सरकार पूरी तरह से बढ़ावा देने के लिए यह प्लानिंग कर रही है.
यूपी में अधिक से अधिक ग्रीन हाइड्रोजन बनाने को लेकर एक ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम फंड (Green Hydrogen Ecosystem Fund) भी बनाया जाएगा. इसके लिए धन जुटाया जाएगा, निवेशक लाए जाएंगे. ग्रीन हाइड्रोजन की लागत 2.8 डालर प्रति किलोग्राम से 7.8 किलोग्राम आती है. सरकार के स्तर पर इस लागत को कम किए जाने की बात कही जा रही है. इसको लेकर राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग कमेटी भी आने वाले कुछ दिनों में बनाई जाएगी. औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार (Additional Chief Secretary of Industrial Development Department Arvind Kumar) कहते हैं कि ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में सरकार नई पॉलिसी लाने वाली है इसमें निवेशकों को तमाम बड़ी छूट देने के प्रावधान किए गए हैं. आने वाले कुछ समय में इस के ड्राफ्ट को मंजूरी दी जाएगी.
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