लखनऊ : सरकार ने धान खरीद नीति जारी कर दी है अब प्रदेश में धान खरीद को लेकर विभाग किस स्तर पर शासनादेश जारी करने से लेकर खरीद केदो का निर्धारण खरीद एजेंसियों का निर्धारण प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. धान खरीद अक्सर गांव के बाहर बनते हैं और दूर होते हैं. इसको लेकर भी व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही अब किसानों को राहत देने के लिए और बिचौलियों से मुक्ति के लिए बेचने वाले किसानों से दस्तावेज भी दिए जाएंगे. जिससे बिचौलिए किसानों से धान खरीद कर खरीद केंद्र में न बेचने पाएं. रकबे का सत्यापन आदि भी कराया जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीद नीति को कैबिनेट से मंजूरी देते हुए किसानों से सत प्रतिशत धान खरीदने की बात कही गई है और इसको लेकर खाद विभाग के स्तर पर 4000 खरीद केंद्रों का निर्धारण किया गया है. उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू का कहना है कि हमने धान खरीद बेहतर ढंग से करने और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए खरीद केंद्रों का चयन किया है. खरीद नीति 2023 जारी की जा चुकी है. कैबिनेट से धान खरीद नीति को मंजूरी मिल चुकी है. प्रदेश में 4000 खरीद केंद्रों का निर्धारण किया गया है.
सरकारी खरीद एजेंसियों के माध्यम से खरीद केन्द्रों में धान खरीद की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. बिचौलियों के माध्यम से जो किसान अपना ध्यान भेजते हैं उन्हें राहत दी जाएगी. कोई भी किसान अपने रकबे के सत्यापन के बाद ही सरकारी खरीद केंद्रों पर अपने धान की बिक्री कर सकेगा. तमाम बार ऐसा होता है कि किसान अपना धन खरीद केंद्र में बेचने के बजाय बिचौलियों को बेच देते हैं. इसके बाद बिचौलिए उसे सरकारी खरीद केंद्र में बेचते हैं. कई बार बिचौलियों द्वारा धान की गुणवत्ता में तमाम तरह की कमी दिखाते हुए कम पैसे में भी खरीदारी की व्यवस्था रही है. ऐसी तमाम पूर्व मिलने वाले शिकायतों का संज्ञान लेते हुए किसानों के माध्यम से ही धान खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी.
यह भी पढ़ें : यूपी में धान खरीद केंद्रों पर अनियमितता के खिलाफ अनोखा विरोध, किसानों ने किया हवन
शाहजहांपुर: धान में नमी बताकर नहीं हो रही सरकारी केंद्रों पर खरीद