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मुख्तार अंसारी की छिन सकती है विधानसभा की सदस्यता

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है. विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-192 में व्यवस्था दी गई है कि यदि कोई माननीय सदस्य सदन की कार्यवाही से लगातार 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है, तो उस पर सदन कार्यवाही कर सकता है.

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Published : Apr 7, 2021, 7:50 PM IST

यूपी विधानसभा.
यूपी विधानसभा.

लखनऊः अपराध की दुनिया का चर्चित नाम मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है. पंजाब जेल से लाने के बाद अब मुख्तार की सदस्यता समाप्त किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है. इसकी समीक्षा के बाद कानूनी राय लेने के लिए विधि विभाग को भेज दिया गया है.

यूपी विधानसभा अध्यक्ष.

सदन में 60 दिन से ज्यादा गैरहाजिर

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-192 में व्यवस्था दी गई है कि यदि कोई माननीय सदस्य सदन की कार्यवाही से लगातार 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है, तो उस पर सदन कार्यवाही कर सकता है. उन्होंने बताया कि हमारे पास पहले एक संभ्रांत नागरिक की याचिका आई थी. वह हमसे मिले भी थे.

इसे भी पढ़ें- बांदा जेल में रातें काट चुके हैं कई खूंखार अपराधी और रसूखदार नेता

सदन में रखा जाएगा प्रकरण

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने पूरी याचिका का अध्ययन किया और उसके बाद विधि विभाग को भेज दिया है. यह तो पुरानी याचिका है. अब अगर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई याचिका आती है तो उसका परीक्षण करवाएंगे. सदन के दौरान ही उसका निस्तारण हम कर सकते हैं. हमारे संविधान निर्माताओं ने सदन को यह अधिकार दिया है. इसलिए हम ऐसा प्रबंध करेंगे कि यह प्रकरण सदन में आए.

लखनऊः अपराध की दुनिया का चर्चित नाम मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है. पंजाब जेल से लाने के बाद अब मुख्तार की सदस्यता समाप्त किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है. इसकी समीक्षा के बाद कानूनी राय लेने के लिए विधि विभाग को भेज दिया गया है.

यूपी विधानसभा अध्यक्ष.

सदन में 60 दिन से ज्यादा गैरहाजिर

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-192 में व्यवस्था दी गई है कि यदि कोई माननीय सदस्य सदन की कार्यवाही से लगातार 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है, तो उस पर सदन कार्यवाही कर सकता है. उन्होंने बताया कि हमारे पास पहले एक संभ्रांत नागरिक की याचिका आई थी. वह हमसे मिले भी थे.

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सदन में रखा जाएगा प्रकरण

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने पूरी याचिका का अध्ययन किया और उसके बाद विधि विभाग को भेज दिया है. यह तो पुरानी याचिका है. अब अगर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई याचिका आती है तो उसका परीक्षण करवाएंगे. सदन के दौरान ही उसका निस्तारण हम कर सकते हैं. हमारे संविधान निर्माताओं ने सदन को यह अधिकार दिया है. इसलिए हम ऐसा प्रबंध करेंगे कि यह प्रकरण सदन में आए.

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