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लखनऊ: यूपी सरकार लाएगी दलित उद्यमियों के लिए स्पेशल पॉलिसी - lucknow news

उत्तर प्रदेश सरकार दलित उद्यमियों के लिए स्पेशल प्लान लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए तीन सदस्यीय संयुक्त समिति गठित की गई है. साथ ही दूसरे राज्यों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमियों के लिए लागू नीति का अध्ययन करते हुए उत्तर प्रदेश के लिए स्पेशल नीति बनाने की बात कही गई है.

दलित उद्यमियों के लिए स्पेशल पॉलिसी
दलित उद्यमियों के लिए स्पेशल पॉलिसी
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Published : Sep 22, 2020, 1:32 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार दलित समाज से जुड़े उद्यमियों के लिए स्पेशल प्लान लाने की तैयारी कर रही है. दलित समाज के उद्यमियों के लिए सपोर्ट सिस्टम डेवलप करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके लिए एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने दूसरे प्रदेशों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों के लिए लागू नीति का अध्ययन करके सबसे बेहतरीन पॉलिसी उत्तर प्रदेश में तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

इसके लिए दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष कुंवर शशांक, उद्योग आयुक्त एवं संयुक्त आयुक्त सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम की तीन सदस्यीय संयुक्त समिति गठित की गई है. एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार राज्य सरकार दलित उद्यमियों को आगे बढ़ाने में हर संभव सहायता देगी. इसके लिए समिति को भूमि आवंटन, मार्जिन मनी सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, वेंचर कैपिटल फंड, पूंजीगत निवेश सब्सिडी, एससी एवं एसटी उद्यमियों के लिए डायरेक्ट फंडिंग, बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर आदि विषयों पर अध्ययन कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

नई पॉलिसी बनाने के साथ ही दलित उद्यमियों को, भूमि आवंटन में लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस की 90 फीसदी धनराशि की प्रतिपूर्ति करने, स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी छूट देने, ऋण ब्याज में छूट, एमएसएमई इकाइयों के लिए 35% और महिला उद्यमियों के लिए 45% कैपिटल सब्सिडी उपलब्ध कराने की बात कही गई है. वहीं दूसरे राज्यों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमियों के लिए लागू नीति का अध्ययन करते हुए उत्तर प्रदेश के लिए स्पेशल नीति बनाने की बात प्लान में कही गई है.

लखनऊ: प्रदेश सरकार दलित समाज से जुड़े उद्यमियों के लिए स्पेशल प्लान लाने की तैयारी कर रही है. दलित समाज के उद्यमियों के लिए सपोर्ट सिस्टम डेवलप करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके लिए एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने दूसरे प्रदेशों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों के लिए लागू नीति का अध्ययन करके सबसे बेहतरीन पॉलिसी उत्तर प्रदेश में तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

इसके लिए दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष कुंवर शशांक, उद्योग आयुक्त एवं संयुक्त आयुक्त सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम की तीन सदस्यीय संयुक्त समिति गठित की गई है. एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार राज्य सरकार दलित उद्यमियों को आगे बढ़ाने में हर संभव सहायता देगी. इसके लिए समिति को भूमि आवंटन, मार्जिन मनी सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, वेंचर कैपिटल फंड, पूंजीगत निवेश सब्सिडी, एससी एवं एसटी उद्यमियों के लिए डायरेक्ट फंडिंग, बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर आदि विषयों पर अध्ययन कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

नई पॉलिसी बनाने के साथ ही दलित उद्यमियों को, भूमि आवंटन में लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस की 90 फीसदी धनराशि की प्रतिपूर्ति करने, स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी छूट देने, ऋण ब्याज में छूट, एमएसएमई इकाइयों के लिए 35% और महिला उद्यमियों के लिए 45% कैपिटल सब्सिडी उपलब्ध कराने की बात कही गई है. वहीं दूसरे राज्यों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमियों के लिए लागू नीति का अध्ययन करते हुए उत्तर प्रदेश के लिए स्पेशल नीति बनाने की बात प्लान में कही गई है.

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