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कोविड महामारी के प्रभावित बच्चों की काउंसलिंग करा रही योगी सरकार, पीड़ितों को मिल रही मदद - Mental Health and Psychosocial Counseling Program

कोविड काल में अपने अभिभावकों के खोकर मानसिक आघात झेल रहे बच्चों के लिए यूपी सरकार ने खास मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम के तहत सरकार ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करा रही है.

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Published : Jul 18, 2022, 10:05 PM IST

लखनऊ : कोविड काल में अपने अभिभावकों के खोकर मानसिक आघात झेल रहे बच्चों के लिए यूपी सरकार ने खास मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घर-घर जाकर न केवल ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है, बल्कि मानसिक विशेषज्ञों की मदद से उनके दुख और आघात से उबरने के लिए काउंसलिंग भी कराई जा रही. यूपी सरकार द्वारा बच्चों के उत्थान के लिए उठाई गई देश की पहली स्कीम है.

महिला एवं बाल विकास के निदेशक मनोज राय ने बताया कि कोविड के दौरान बहुत से बच्चों ने अपने माता-पिता दोनो या उनमें से किसी एक को खो दिया है. ऐसे बच्चों के साथ जीवन भर खड़े रहने के लिए अब पहले से कहीं अधिक गंभीर आवश्यकता है. बच्चों के गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने और उनके दुख को कम करने के लिए यूपी सरकार ने यह स्कीम बनाई है. महामारी की मार झेल चुके इन बच्चों के उत्थान के लिए सरकार ने बाल सेवा योजना की शुरुआत जून-2021 में की थी. वहीं अब कोविड-19 के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या उनमें से किसी एक को खोया है, सरकार ने उन तक पहुंचने के लिए काउंसलिंग कराने का फैसला किया है.

उत्तर प्रदेश में योजना के तहत 11,000 से अधिक कोविड प्रभावितों की पहचान की गई है. यूनिसेफ और माइंड पाइपर (निजी मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) के सहयोग से, डीसीपीयू (जिला बाल संरक्षण इकाई) और वन स्टॉप केंद्रों के हर जिले में 4 काउंसलर को प्रशिक्षित किया गया है. ये काउंसलर इन बच्चों को दुख से उबरने में मदद कर रहे हैं. मनोज राय ने बताया कि कुल मिलाकर सभी 75 जिलों में इस उद्देश्य के लिए 300 से अधिक काउंसलरो को प्रशिक्षित किया गया था. प्रशिक्षण के बाद ये काउंसलर इन कोविड प्रभावित बच्चों के घर-घर जाकर उन्हें ट्रॉमा काउंसलिंग दे रहे हैं.

मई 2022 में एक विश्लेषण के दौरान पाया गया कि कुछ बच्चे अत्यधिक आघातित हैं. इन अत्यधिक पीड़ित बच्चों को डीप ट्रॉमा परामर्श प्रदान करने के लिए 40 परामर्शदाताओं को एक विशेष प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है. ये परामर्शदाता असामान्य दुख से उबरने में कोविड प्रभावितों की मदद कर रहे हैं.

इसे पढ़ें- विमान यात्रा : सुरक्षा को लेकर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?

लखनऊ : कोविड काल में अपने अभिभावकों के खोकर मानसिक आघात झेल रहे बच्चों के लिए यूपी सरकार ने खास मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घर-घर जाकर न केवल ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है, बल्कि मानसिक विशेषज्ञों की मदद से उनके दुख और आघात से उबरने के लिए काउंसलिंग भी कराई जा रही. यूपी सरकार द्वारा बच्चों के उत्थान के लिए उठाई गई देश की पहली स्कीम है.

महिला एवं बाल विकास के निदेशक मनोज राय ने बताया कि कोविड के दौरान बहुत से बच्चों ने अपने माता-पिता दोनो या उनमें से किसी एक को खो दिया है. ऐसे बच्चों के साथ जीवन भर खड़े रहने के लिए अब पहले से कहीं अधिक गंभीर आवश्यकता है. बच्चों के गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने और उनके दुख को कम करने के लिए यूपी सरकार ने यह स्कीम बनाई है. महामारी की मार झेल चुके इन बच्चों के उत्थान के लिए सरकार ने बाल सेवा योजना की शुरुआत जून-2021 में की थी. वहीं अब कोविड-19 के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या उनमें से किसी एक को खोया है, सरकार ने उन तक पहुंचने के लिए काउंसलिंग कराने का फैसला किया है.

उत्तर प्रदेश में योजना के तहत 11,000 से अधिक कोविड प्रभावितों की पहचान की गई है. यूनिसेफ और माइंड पाइपर (निजी मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) के सहयोग से, डीसीपीयू (जिला बाल संरक्षण इकाई) और वन स्टॉप केंद्रों के हर जिले में 4 काउंसलर को प्रशिक्षित किया गया है. ये काउंसलर इन बच्चों को दुख से उबरने में मदद कर रहे हैं. मनोज राय ने बताया कि कुल मिलाकर सभी 75 जिलों में इस उद्देश्य के लिए 300 से अधिक काउंसलरो को प्रशिक्षित किया गया था. प्रशिक्षण के बाद ये काउंसलर इन कोविड प्रभावित बच्चों के घर-घर जाकर उन्हें ट्रॉमा काउंसलिंग दे रहे हैं.

मई 2022 में एक विश्लेषण के दौरान पाया गया कि कुछ बच्चे अत्यधिक आघातित हैं. इन अत्यधिक पीड़ित बच्चों को डीप ट्रॉमा परामर्श प्रदान करने के लिए 40 परामर्शदाताओं को एक विशेष प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है. ये परामर्शदाता असामान्य दुख से उबरने में कोविड प्रभावितों की मदद कर रहे हैं.

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