लखनऊ : यूपी सरकार 22 फरवरी यानी बुधवार को महाबजट पेश करने वाली है. यूपी सरकार के बजट से चिकित्सा जगत के लोगों को खास उम्मीद है. यूपी सरकार लगातार जिस तरह से चिकित्सा जगत में बदलाव करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं उसी तरह से कर्मचारियों को भी सरकार से उम्मीद है कि सरकार कर्मचारियों इसमें भी कुछ कदम उठाएगी. फिर से बातचीत के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चिकित्सा जगत में बेहतर काम किया है.
स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों ने बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश भर के जिला अस्पताल को सरकार मेडिकल कॉलेज के रूप में बदल रही है. अच्छा निर्णय सरकार का रहा है, लेकिन यह बेहतर उस समय कहलाएगा. जब इन मेडिकल कॉलेजों में बेहतर चिकित्सा सुविधा मरीजों को उपलब्ध हो पाएगी. इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा मैन पाॅवर होना बहुत जरूरी है. जिला अस्पतालों में कंप्यूटर ऑपरेटर लैब टेक्नीशियन सहित अन्य पद आउटसोर्सिंग के द्वारा भरा जाता है जो कि उचित नहीं है. सालों से एक ही पद पर संविदा पर कार्य करते हुए कर्मचारियों का मनोबल टूटता है सरकार से उम्मीद है कि आउटसोर्सिंग को हटाते हुए परमानेंट नियुक्ति का प्रावधान करें, ताकि चिकित्सा जगत से जुड़े कर्मचारियों का मनोबल भी मजबूत हो.
उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि इस बार के बजट से कर्मचारियों को बहुत उम्मीद है सबसे पहली मांग है कि सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करे. ताकि कर्मचारियों को उचित पेंशन प्राप्त हो सके. दूसरी अहम बात यह है कि आउटसोर्सिंग के द्वारा जो अस्पतालों में संविदा पर कर्मचारियों को नियुक्त किया जा रहा है उनके लिए परमानेंट वैकेंसी निकाली जाए, ताकि उनका जीवन यापन भी अच्छे तरीके से चल सके. महेन्द्र कुमार पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं, धीरज रावत, सीरियस सपोर्ट एक्जीक्यूटिव, जावेद हुसैन, कम्प्यूटर ऑपरेटर और हरद्वारीलाल राज, आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, फार्मासिस्ट फेडरेशन, रिटायर्ड विंग ने भी बातचीत के दौरान अपनी अपनी बातें रखी.