लखनऊः डिप्टी सीएम और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं. उनका कहना है कि यह निर्णय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में बदलाव करते हुए राज्य के उद्यमियों की मदद करने में बहुत ही सहायक हैं. इसका लाभ लेते हुए तमाम उद्योग लगाए गए हैं और उन्हें योजना के अनुसार अनुदान दिया गया है.
उद्यमियों ने किया आवेदन, लग रहे उद्योग
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने बताया है कि यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष-2018 से अब तक उद्यमियों से 542 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें लगभग 2964.03 करोड़ रुपये का निजी पूंजी निवेश एवं कुल 44058 रोजगार सृजन की सम्भावना है. इन आवेदनों में फल-सब्जी प्रसंस्करण के 59, उपभोक्ता उत्पाद 155, खाद्यान्न मिलिंग 258, हर्बल प्रोसेसिंग 03, दुग्ध प्रसंस्करण 19, तिलहन प्रसंस्करण 19, दलहन प्रसंस्करण 07, मांस प्रसंस्करण 03, रीफर वैन 09, बैंकेबुल प्रोजेक्ट 04 तथा अन्य उत्पादों के 04 उद्योग सम्मिलित हैं.
275 परियोजना प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
इस नीति के अन्तर्गत अब तक राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी (एस.एल.ई.सी.) द्वारा 275 परियोजना प्रस्तावों (140 प्रस्ताव पूंजीगत उपादान एवं 135 प्रस्ताव ब्याज उपादान) को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें 810.51 करोड़ रुपये का निजी पूंजी निवेश हो रहा है. साथ ही 19310 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सुलभ कराया जा रहा है. इन इकाईयों को अब तक 56.34 करोड़ रुपये की अनुदान धनराशि स्वीकृति की गई है. इसके सापेक्ष गतवर्ष (2019-20) तक 134 प्रस्तावों को अनुदान धनराशि 36.94 करोड़ रुपये उद्यमियों के खाते में डी0बी0टी के माध्यम से हस्तांतरित कराई गई. नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में धनराशि 38.325 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान है. अब तक 09 संस्थाओं को अनुदान धनराशि 2.19 करोड रुपये का डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है.
ये इकाइयां स्थापित जिन्हें मिला अनुदान
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवयुवकों, कृषकों एवं नव उद्यमियों के आर्थिक विकास के लिए महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना संचालित की है. जिसके अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 53 जनपदों में 01 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण में लगभग 2970 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर 119 सूक्ष्म-लघु उद्योग की स्थापना की गई. जिसमें फल-सब्जी प्रसंस्करण के 53, अनाज आधारित 41, मसाला उद्योग के 08, दुग्ध प्रसंस्करण 04 एवं उपभोक्ता उत्पाद के 13 इकाइयां सम्मिलित हैं. इन इकाइयों को 1.14 करोड़ का अनुदान लाभार्थियों को इकाई स्थापित करने के बाद प्रदान किया गया.
तीन दिनों के लिए खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर लगेंगे
प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में चयनित 50 जिलों के लिए न्याय पंचायत स्तर पर 3 दिनों के लिए खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर के 400 एवं जिला स्तर पर 1 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के 50 कार्यक्रम करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसकी तुलना में धनराशि 1.30 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित है. अभी तक 48 सूक्ष्म, लघु उद्योग इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं. जिसमें फल-सब्जी प्रसंस्करण के 22, अनाज आधारित 19, मसाला उद्योग के 02 एवं दुग्ध प्रसंस्करण की 05 इकाइयां सम्मिलित हैं. इनको अब तक 17 लाख रुपये का अनुदान भुगतान किया जा चुका है.