ETV Bharat / state

पहली बार मिली अनपरा और ओबरा परियोजना को चलाने की पर्यावरणीय मंजूरी: ऊर्जा मंत्री

author img

By

Published : Sep 21, 2020, 4:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि पहली बार अनपरा और ओबरा परियोजना को पर्यावरण विभाग ने कंसेंट टू ऑपरेट का सर्टिफिकेट दिया है. अनपरा, ओबरा, पारीछा और हरदुआगंज परियोजनाओं को एनजीटी के मानकों के तहत पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एफजीडी प्लांट भी लगाए जा रहे हैं. इन्हें दिसंबर 2022 तक हरहाल में लगा लिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन तापीय और काम कर रही इकाइयों की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी निर्माणाधीन इकाइयों का काम तय समय पर पूरा हो, जिससे प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग 2022 तक 7,260 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन अपने तापीय विद्युतगृहों से करने लगेगा. इसमें से 1320 मेगावाट विद्युत उत्पादन इसी वर्ष से बढ़ जाएगा.

उन्होंने बताया कि पहली बार अनपरा और ओबरा परियोजना को पर्यावरण विभाग ने कंसेंट टू ऑपरेट का सर्टिफिकेट दिया. यही नहीं अनपरा, ओबरा, पारीछा और हरदुआगंज परियोजनाओं को एनजीटी के मानकों के तहत पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एफजीडी प्लांट भी लगाए जा रहे हैं. इन्हें दिसंबर 2022 तक हरहाल में लगा लिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों को तेज किया गया था. पूर्ववर्ती सरकारों में शुरू की गई परियोजनाओं की धीमी रफ्तार को भी बढ़ाया गया, जिससे विलंब से चल रही परियोजनाओं को गति दी जा सके. उन्होंने बताया कि मेजा में 12,176 करोड़ की लागत से उत्पादन निगम व एनटीपीसी के जॉइंट वेंचर से 660 मेगावॉट की दो यूनिटें बनाई जा रही हैं. इसकी 660 मेगावॉट की एक यूनिट पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू कर दी गई थी.

दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा. वहीं 6,011.83 करोड़ की लागत की हरदुआगंज तापीय परियोजना से भी 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन दिसंबर में शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 10,416 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन ओबरा-C परियोजना की दोनों यूनिटों से 660-660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी मार्च 2022 तक शुरू हो जाएगा. 10,566 करोड़ की लागत से बन रहीं जवाहरपुर तापीय परियोजना की दोनों यूनिटों से भी 660-660 मेगावाट विद्युत की निकासी की जाने लगेंगी.

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 5,816.70 करोड़ की लागत से पनकी में शुरू कराई गई निर्माणाधीन पनकी तापीय विद्युत परियोजना से दिसंबर 2021 में ही विद्युत निकासी शुरू हो जाएगी. घाटमपुर में उत्पादन निगम व एनएलसी के साथ जॉइंट वेंचर में निर्माणाधीन तापीय परियोजना की तीनों इकाइयां भी मई 2022 से शुरू हो जाएंगी. इस परियोजना पर 17,237.80 करोड़ की लागत आ रही है. इससे 1980 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन होगा.

उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से प्रदेश के उत्पादनगृहों की क्षमता बढ़कर 12,734 मेगावॉट हो जाएगी. इसमें 9,434 मेगावाट राज्य विद्युत उत्पादन निगम और जॉइंट वेंचर से 3,300 मेगावाट विद्युत का उत्पादन शामिल है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन तापीय और काम कर रही इकाइयों की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी निर्माणाधीन इकाइयों का काम तय समय पर पूरा हो, जिससे प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग 2022 तक 7,260 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन अपने तापीय विद्युतगृहों से करने लगेगा. इसमें से 1320 मेगावाट विद्युत उत्पादन इसी वर्ष से बढ़ जाएगा.

उन्होंने बताया कि पहली बार अनपरा और ओबरा परियोजना को पर्यावरण विभाग ने कंसेंट टू ऑपरेट का सर्टिफिकेट दिया. यही नहीं अनपरा, ओबरा, पारीछा और हरदुआगंज परियोजनाओं को एनजीटी के मानकों के तहत पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एफजीडी प्लांट भी लगाए जा रहे हैं. इन्हें दिसंबर 2022 तक हरहाल में लगा लिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों को तेज किया गया था. पूर्ववर्ती सरकारों में शुरू की गई परियोजनाओं की धीमी रफ्तार को भी बढ़ाया गया, जिससे विलंब से चल रही परियोजनाओं को गति दी जा सके. उन्होंने बताया कि मेजा में 12,176 करोड़ की लागत से उत्पादन निगम व एनटीपीसी के जॉइंट वेंचर से 660 मेगावॉट की दो यूनिटें बनाई जा रही हैं. इसकी 660 मेगावॉट की एक यूनिट पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू कर दी गई थी.

दूसरी यूनिट से 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा. वहीं 6,011.83 करोड़ की लागत की हरदुआगंज तापीय परियोजना से भी 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन दिसंबर में शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 10,416 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन ओबरा-C परियोजना की दोनों यूनिटों से 660-660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी मार्च 2022 तक शुरू हो जाएगा. 10,566 करोड़ की लागत से बन रहीं जवाहरपुर तापीय परियोजना की दोनों यूनिटों से भी 660-660 मेगावाट विद्युत की निकासी की जाने लगेंगी.

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 5,816.70 करोड़ की लागत से पनकी में शुरू कराई गई निर्माणाधीन पनकी तापीय विद्युत परियोजना से दिसंबर 2021 में ही विद्युत निकासी शुरू हो जाएगी. घाटमपुर में उत्पादन निगम व एनएलसी के साथ जॉइंट वेंचर में निर्माणाधीन तापीय परियोजना की तीनों इकाइयां भी मई 2022 से शुरू हो जाएंगी. इस परियोजना पर 17,237.80 करोड़ की लागत आ रही है. इससे 1980 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन होगा.

उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से प्रदेश के उत्पादनगृहों की क्षमता बढ़कर 12,734 मेगावॉट हो जाएगी. इसमें 9,434 मेगावाट राज्य विद्युत उत्पादन निगम और जॉइंट वेंचर से 3,300 मेगावाट विद्युत का उत्पादन शामिल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.