लखनऊ: ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में आपातकालीन सेवा 112 और पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मियों की सेवा काबिले तारीफ नजर आई. यह लोग हर समय मानवता की सेवा में जी जान से जुटे हुए हैं. पुलिस का कभी स्लोगन था जागते रहो, कोरोना महामारी के दौरान पुलिस के सामने चुनौतियां बदली तो पुलिस ने अपना स्लोगन भी बदल डाला. पुलिस का स्लोगन है 'आप आराम से सोइए, हम जाग रहे हैं'
ईटीवी भारत की टीम पीआरवी 511 की टीम के साथ पुलिस के कामकाज का रियलिटी चेक कर रही थी कि इसी दौरान रात के करीब दो बजे ग्रामीण क्षेत्र सरोजनी नगर एक महिला का फोन आता है. उसने बताया कि उसके पति बीमार हैं और वह घर में अकेली है. दवाइयां भी नहीं है. इसके बाद राजधानी की सड़कों पर तैनात आपातकालीन सेवा 112 की पीआरवी 511 दौड़ पड़ती है.
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सब इंस्पेक्टर पुष्पराज बताते हैं कि एक इमरजेंसी कॉल आई थी, प्रतिमा देवी की तरफ से वह परेशान थी कि उनके घर में घर में हार्ट के पेशेंट है और उनकी तबीयत खराब है. महिला से बात हुई तो महिला परेशान नजर आ रही थी उसके पास पैसे बिल्कुल भी नहीं थे. सूचना मिली तो हम मेडिकल कॉलेज के पास गए और एक मेडिकल स्टोर से दवाइयां भी खरीदी. यह दवाइयां 2370 रुपये की मिली. हमने दवा खरीद ली है और अब पीड़ित बीमार व्यक्ति के पास दवा पहुंचाने जा रहे हैं.
पीआरवी 511 की टीम ने केजीएमयू के पास से मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदी और करीब 20 किलोमीटर दूर सरोजनी नगर के ग्रामीण इलाके गंगानगर के चौहान पुरम पहुंचती है. उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरती हुई 112 की पीआरवी 511 गंगानगर के चौहानपुर पहुंचती है. पुलिस के पीआरवी पहुंचती है और बीमार पीड़ित व्यक्ति सतीश का हाल-चाल लेती है उसके परिजनों को दवाइयां देती है.
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रात के करीब 2:45 बज रहे थे. आपातकालीन सेवा 112 के पुलिसकर्मियों ने पीड़ित बीमार व्यक्ति सतीश कुमार को दवाइयां पहुंचाई. बीमार सतीश की पत्नी प्रतिमा देवी ने भावुक होकर पुलिस को धन्यवाद दी. प्रतिमा ने कहा कि रात को तीन बजे पुलिस ने हमें दवा पहुंचाई. हमें दवा की बहुत जरूरत थी उसके बिना बहुत दिक्कत हो रही थी. पांच महीने से पति का इलाज चल रहा है. आप सबका सहयोग मिला, इसके लिए हम बहुत धन्यवाद देते हैं.
प्रतिमा के पति सतीश वर्मा ने कहा कि मैं ऑटो रिक्शा चलाता हूं. चार-पांच महीने से बीमार हूं. दवा की बहुत जरूरत थी. साहब लोग हमको दवा दिए. इसके लिए मैं आभारी हूं. भावुक होकर सतीश ने कहा कि इतना ही कहूंगा मैं और कुछ नहीं कर पाऊंगा.
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सब इंस्पेक्टर पुष्पराज ने कहा कि हकीकत में मुझे बहुत बड़ी खुशी मिल रही है. मुझे जीवन में इतनी खुशी कभी नहीं मिली, जितनी खुशी मुझे आज मिली है. मुझे लगा कि आज किसी जरूरतमंद की मैंने मदद की. मेरा पुलिस विभाग में आना सार्थक हो गया है. पुलिस विभाग में रहकर अगर इस तरह से लोगों की मदद कर पा रहा हूं कि यह मेरे लिए बहुत बहुत ही सौभाग्य की बात है. हकीकत में सतीश मदद करके मुझे बहुत खुशी मिल रही है.
ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में आपातकालीन सेवा 112 पुलिसकर्मियों का मानवीय चेहरा सामने आया कि किस प्रकार से कोरोना वायरस की महामारी के संकट के समय यह लोग जरूरतमंद गरीब बीमार लोगों की मदद कर रहे हैं.