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फ्रंट लाइन में ड्यूटी नहीं करेंगे अस्वस्थ पुलिस कर्मचारी: डीजीपी - lucknow latest news

उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने गम्भीर बीमारी से पीड़ित और अस्वस्थ पुलिसकर्मियों को फ्रंटलाइन की ड्यूटी से दूर रखने का निर्देश दिया है. डीजीपी ने इसके लिेए प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को एक चिट्ठी लिखी है.

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डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी
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Published : Apr 22, 2020, 4:38 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रदेश में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. जिसमें पुलिस विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. लेकिन ऐसे में पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. जिसे देखते हुए पुलिस विभाग ने अस्वस्थ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी फ्रंट लाइन पर नहीं लगाने का फैसला लिया है.

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डीजीपी के आदेश की कॉपी

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पुलिस कर्मचारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देशित करते हुए कहा है कि गंभीर बीमारी से ग्रसित पुलिसकर्मियों की ड्यूटी फ्रंटलाइन में नहीं लगाई जाए.

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डीजीपी के आदेश की कॉपी

अपने आदेश में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि स्वास रोग, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और मधुमेह से ग्रसित पुलिसकर्मियों को फ्रंटलाइन ड्यूटी से मुख्त रखा जाए. वहीं जो पुलिसकर्मी पिछले कुछ दिनों में गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं उन्हें भी फ्रंटलाइन की ड्यूटी से मुक्त रखा जाए


डीजीपी के निर्देशों के तहत 55 वर्ष की आयु से अधिक के पुलिस कर्मियों को मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर फ्रंटलाइन की ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा.

फ्रंटलाइन के कार्यों को परिभाषित करते हुए डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि, फ्रंटलाइन में वह सभी कार्य शामिल होंगे जहां अनजान व्यक्तियों के निकट संपर्क में आने की संभावना अधिक है. उदाहरण के तौर पर हॉस्पिटल ड्यूटी, रैपिड एक्शन टीम में ड्यूटी, क्वारंटीन सेंटर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा, अपराधियों की गिरफ्तारी और डायल 112 की ड्यूटी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रदेश में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. जिसमें पुलिस विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. लेकिन ऐसे में पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. जिसे देखते हुए पुलिस विभाग ने अस्वस्थ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी फ्रंट लाइन पर नहीं लगाने का फैसला लिया है.

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डीजीपी के आदेश की कॉपी

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पुलिस कर्मचारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देशित करते हुए कहा है कि गंभीर बीमारी से ग्रसित पुलिसकर्मियों की ड्यूटी फ्रंटलाइन में नहीं लगाई जाए.

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डीजीपी के आदेश की कॉपी

अपने आदेश में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि स्वास रोग, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और मधुमेह से ग्रसित पुलिसकर्मियों को फ्रंटलाइन ड्यूटी से मुख्त रखा जाए. वहीं जो पुलिसकर्मी पिछले कुछ दिनों में गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं उन्हें भी फ्रंटलाइन की ड्यूटी से मुक्त रखा जाए


डीजीपी के निर्देशों के तहत 55 वर्ष की आयु से अधिक के पुलिस कर्मियों को मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर फ्रंटलाइन की ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा.

फ्रंटलाइन के कार्यों को परिभाषित करते हुए डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि, फ्रंटलाइन में वह सभी कार्य शामिल होंगे जहां अनजान व्यक्तियों के निकट संपर्क में आने की संभावना अधिक है. उदाहरण के तौर पर हॉस्पिटल ड्यूटी, रैपिड एक्शन टीम में ड्यूटी, क्वारंटीन सेंटर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा, अपराधियों की गिरफ्तारी और डायल 112 की ड्यूटी.

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