लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रकोप जारी है. दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने आफत मचाई थी. वहीं तीसरी लहर में ओमीक्रोन का प्रसार चरम पर है. शनिवार सुबह 9,500 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए. इनमें से इलाज के दौरान दो की मौत हो गई. वहीं फाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी.
बता दें कि शुक्रवार को 2 लाख 41 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 16,142 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. इतने केस एक दिन में बीते साल के मई महीने में मिले थे. इसमें से 84 केस ओमीक्रोन के रहे. ओमीक्रोन के सर्वाधिक केस वाराणसी और लखनऊ के हैं. वहीं 17601 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 74 लाख से अधिक टेस्ट किए गए.
यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसदी से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. जबकि तीसरी लहर में 90 फीसदी ओमीक्रोन वैरिएंट मिल रहा है.
17 दिसंबर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई थी. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं, 25 दिसंबर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. इसके बाद चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैंपल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है.
एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैंपल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. लेकिन अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखेंगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए हैं. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है.
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95 हजार से ज्यादा एक्टिव केस
राज्य में एक्टिव केस की संख्या 95 हजार 866 हो गए हैं. सरकार की तरफ से तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं, 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. इसके अलावा 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए हैं.
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