लखनऊ: यूपी में कोरोना मरीजों की तादाद कम हो रही है. गुरुवार को प्रदेश में कोरोना के 11 नए मरीज मिले, हालांकि एक मरीज की कोरोना से मौत भी हो गई है. गुरुवार को कोरोना के दो लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए. इस दौरान 11 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. इस दौरान 20 मरीज डिस्चार्ज किए गए.
देश में सर्वाधिक सात करोड़, 71 लाख से अधिक टेस्ट यूपी में किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किए जा रहे हैं. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहीं 90 फीसदी से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.
प्रदेश में गुरुवार को कोरोना के एक्टिव केस 186 रह गए. यूपी में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी भी जारी है. अस्पतालों में 411 ऑक्सीजन प्लांट लगाने शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं, वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू और नीकू बेड तैयार हो गए हैं.
इन जिलों में एक भी मरीज नहीं
बुधवार को प्रदेश के 69 के करीब जिलों के 24 घंटे में कोई केस नहीं मिला. अब 30 जनपद पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं. इनमें अमरोहा, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बागपत, बलिया, बांदा, बहराइच, भदोही, बिजनौर, फर्रुखाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मऊ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संत कबीर नगर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर और सुलतानपुर हैं.
मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.27 रह गई है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 0.01 फीसद से कम हो गई है. वहीं मृत्युदर अभी 1 फीसद पर बनी हुई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई.
30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 186 रह गयी. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 98.7 फीसद हो गई है.
इन राज्यों को लेकर अलर्ट
जिन राज्यों में साप्ताहिक संक्रमण दर 3 फीसदी तक है, वहां से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य है. इसके अलावा यदि वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाणपत्र है, तो जांच की जरूरत नहीं है. मगर बाहर से आने पर 7 दिन क्वारन्टीन रहने की सलाह दी गयी है. इसमें मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, मिजोरम, केरल आदि है.
27 सितम्बर को कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान
यूपी में तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार का वैक्सीनेशन अभियान जारी है. यहां 18 साल से ऊपर 52 फीसदी आबादी को पहली डोज लग चुकी है, वहीं शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के लिए समय-समय पर महाभियान चलाए जा रहे हैं. अब 27 सितम्बर को मौके पर ही पंजीकरण ककेर कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाएगा. अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक प्रदेश में गुरुवार को 7 हजार 501 बूथ बनाए गए. इसमें 7400 सरकारी और 101 प्राइवेट बूथ रहे. इन पर शाम तक 11 लाख 26 हजार से अधिक डोज़ लगाई गईं. ऐसे में कुल वैक्सीनेशन का ग्राफ 9 करोड़ 85 लाख पार कर गया. यह देश में सर्वाधिक है. पहली डोज लगवाने वालों का आंकड़ा अब 8 करोड़ पार कर गया है. गुरुवार शाम तक कुल 8 करोड़ 6 लाख 53 हजार 796 ने पहली डोज लगवाई. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 1 करोड़ 79 लाख के पार कर गई. सितम्बर में 3 करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है.
24 से 25 सितंबर को जांची जाएंगी अस्पतालों की व्यवस्थाएं
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक कोरोना के मरीज राज्य में कम हो गए हैं, मगर अभी वायरस के संक्रमण का खतरा टला नहीं है. ऐसे में मरीजों के इलाज की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए अस्पतालों में बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग वार्ड और आईसीयू बनाए गए हैं. इनमें ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. वहीं बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग किस्म के वेंटीलेटर और अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं. अस्पतालों में लगाए गए उपकरण कितने चालू हालत में हैं, इसकी जांच की जाएगी. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कितने समय में इलाज मिल रहा है इन सभी व्यवस्थाओं को भी जांचा जाएगा. इसके लिए राजधानी से ऑफिसरों की टीम जिलों में रवाना कर दी गई है. अब ऑफिसर 24 से 25 सितंबर तक अस्पतालों का दौरा करेंगे. वहां ऑक्सीजन प्लांट और उससे ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था देखेंगे. वेंटीलेटर और अन्य मशीनों की हालत क्या है, कितनी इंस्टॉल की गईं उनके संचालन के लिए किस स्टाफ को नामित किया गया है इन सभी बिंदुओं पर भी पड़ताल की जाएगी.