ETV Bharat / state

UPCOP APP : घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर

यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विस टीम ने यूपी काॅप में अपडेशन किया है. इस सुविधा से वादी को अपनी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन मिल जाएगी. एडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल के अनुसार अभी मुख्यालय स्तर पर ट्राॅयल चल रहा है. आने वाले 15 दिनों में यह सुविधा पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगी.

author img

By

Published : May 2, 2023, 2:26 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : किसी घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना हो रही है कि नहीं, विवेचक मुकदमे की जांच कितने समय में कर रहा है? विवेचना से वादी संतुष्ट है कि नहीं आमतौर पर इन सभी बिंदुओं की पीड़ित को जानकारी नहीं मिल पाती है. अब ऐसा नहीं होगा, दर्ज कराए गए हर मुकदमें की पल पल की जानकारी वादी तक पहुंचेगी. पीड़ित द्वारा दर्ज कराए गए केस में क्या हो रहा है. विवेचना क्यों रुकी है. ये सभी जानकारियां एक पल में यूपी पुलिस पीड़ित तक पहुंचाएगी. यही नहीं विवेचक बदलना हो या विवेचक को शिकायत करनी हो इसके लिए भी वादी घर बैठे एप्लिकेशन से ही शिकायत दर्ज कर सकेगा. आइए जानते हैं कि यह सुविधा कब और कैसे मिलेगी.

घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.

यूपी कॉप एप्लिकेशन में होगा बदलाव

पीड़ित को उसके मुकदमे की जानकारी देने और पुलिस की वाकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विस ने बड़ा कदम उठाया है. इस कदम से न सिर्फ पुलिस विवेचना से जुड़े आरोपी से बचते हुए पारदर्शी तरीके से कार्य कर सकेगी, बल्कि पीड़ित को भी अपने केस की प्रगति रिपोर्ट जानने के लिए थाने-चौकी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस हाईटेक प्लन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पुलिस की मोबाइल एप्लीकेशन यूपी कॉप में एक नया फीचर जोड़ा जा रहा है. जिसमें पीड़ित अपना मोबाइल नम्बर और एफआईआर संख्या जैसे ही डालेगा, तुरंत उसके सामने केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट आ जाएगी. वर्तमान में ये प्लान मुख्यालय स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा रहा है. एडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल के मुताबिक आने वाले 15 दिनों में यह पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा.

घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
पुलिस पर लगने वाले आरोपों से मिल सकती है मुक्तिदरअसल, जब भी कोई पीड़ित पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराता है, तो उसे इस बात का संदेह होता है कि मुकदमे की विवेचना करने वाला पुलिसकर्मी दूसरी पार्टी से मिल चुका है. ऐसे में उसकी विवेचना प्रभावित हो रही है. ऐसे में पीड़ित आलाधिकारियों से मिल कर विवेचकों की शिकायत करते हैं और विवेचक पर गंभीर आरोप जैसे जांच के दौरान केस से नाम निकालने या धाराओं को कम करने के होते हैं. कुछ मामलों में आरोप सही पाए जाते हैं, लेकिन अधिकतर आरोप झूठे ही होते हैं. ऐसे में अब जब यूपी कॉप में हर रोज विवेचक केस की प्रगति रिपोर्ट अपलोड करेगा तो पारदर्शिता आने के साथ साथ इस तरह के आरोप भी नहीं लग सकेंगे.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
पीड़ित को नहीं लगाने होंगे थाने-चौकियों के चक्करइस फीचर से पीड़ितों को भी बड़ी राहत मिलेगी. केस दर्ज करवाने के बाद हर पीड़ित यह जानना चाहता है कि उसके केस में क्या हो रहा है, विवेचना कहां तक पहुंची. इसके लिए पीड़ित थाने-चौकियों के चक्कर लगाता है, लेकिन उसे विवेचना से जुड़े तथ्य नहीं बताए जाते हैं. इसे में यूपी कॉप में केस की प्रगति रिपोर्ट दिखाई देने से थानों के चक्कर लगाने से पीड़ितों को राहत मिलेगी. पीड़ित को महज बयान दर्ज कराने और केस से संबंधित दस्तावेज देने के लिए विवेचक के पास जाना होगा. इसके अलावा यूपी कॉप में सिर्फ दो ही लोग लॉगिन कर सकेंगे पहला स्वयं पीड़ित और दूसरा विवेचना अधिकारी. वहीं महिला संबंधी गंभीर अपराधों के मामलों में विवेचक को भी पुरानी फाइल खोलने से पहले पीड़िता को सूचना देने होगी. यदि पीड़िता को बगैर सूचित किए फाइल खोली जाती है तो ऐसी घटना के लिए विवेचना अधिकारी दोषी होगा.घर बैठे बदलवा सकेंगे विवेचना अधिकारीएडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल के मुताबिक यदि पीड़ित विवेचना से संतुष्ट नहीं है तो वह अपना विवेचक भी घर बैठे बदलवा सकता है. इसके लिए एक एप्लिकेशन लिख कर यूपी कॉप के उसी फीचर में अपलोड करना होगा. यदि पीड़ित के बताए गए तथ्य न्यायसंगत होंगे तो तत्काल विवेचक बदल कर पीड़ित को एसएमएस के जरिए सूचित कर दिया जाएगा. यही नहीं यदि विवेचना सही दिशा में नहीं हो रही है या फिर विवेचक जानबूझ कर विवेचना में गड़बड़ी कर रहा है तो उसके लिए भी शिकायती पत्र घर बैठे यूपी कॉप में अपलोड करना होगा जो विवेचक और उसके अधिकारी जैसे सीओ या एडिशनल एसपी तक पहुंच जाएगी.ऐप इस तरह करेगा कामएडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल बताते है कि, जब पीड़ित एफआईआर दर्ज कराता है उसे समय उससे उसका मोबाइल नंबर लिया जाएगा. जैसे ही एफआईआर सीसीटीएनएस के जरिए यूपी कॉप पर अपलोड होगी उसी समय एक ओटीपी नंबर पीड़ित के मोबाइल नंबर पर चला जाएगा. जब भी पीड़ित को यूपी कॉप में लॉगिन करना होगा उसे यही ओटीपी नंबर डालना होगा. उसके बाद पीड़ित अपनी एफआईआर कॉपी तो देखेगा ही साथ ही प्रोग्रेस रिपोर्ट भी उसे पता चल सकेगी. मोहित अग्रवाल के मुताबिक फिलहाल यह फीचर यूपी कॉप एप्लिकेशन में एड कर दिया गया है, लेकिन अभी इसे मुख्यालय स्तर पर चेक किया जा रहा है. फाइनल परीक्षण के बाद इसे लॉन्च कर दिया जाएगा. एडीजी ने बताया कि अगले 15 दिनों में यह सभी पीड़ितों को दिखने लगेगा.

यह भी पढ़ें : बीजेपी ने बागी नेताओं को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, इन्हें किया गया निष्कासित

लखनऊ : किसी घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना हो रही है कि नहीं, विवेचक मुकदमे की जांच कितने समय में कर रहा है? विवेचना से वादी संतुष्ट है कि नहीं आमतौर पर इन सभी बिंदुओं की पीड़ित को जानकारी नहीं मिल पाती है. अब ऐसा नहीं होगा, दर्ज कराए गए हर मुकदमें की पल पल की जानकारी वादी तक पहुंचेगी. पीड़ित द्वारा दर्ज कराए गए केस में क्या हो रहा है. विवेचना क्यों रुकी है. ये सभी जानकारियां एक पल में यूपी पुलिस पीड़ित तक पहुंचाएगी. यही नहीं विवेचक बदलना हो या विवेचक को शिकायत करनी हो इसके लिए भी वादी घर बैठे एप्लिकेशन से ही शिकायत दर्ज कर सकेगा. आइए जानते हैं कि यह सुविधा कब और कैसे मिलेगी.

घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.

यूपी कॉप एप्लिकेशन में होगा बदलाव

पीड़ित को उसके मुकदमे की जानकारी देने और पुलिस की वाकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विस ने बड़ा कदम उठाया है. इस कदम से न सिर्फ पुलिस विवेचना से जुड़े आरोपी से बचते हुए पारदर्शी तरीके से कार्य कर सकेगी, बल्कि पीड़ित को भी अपने केस की प्रगति रिपोर्ट जानने के लिए थाने-चौकी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस हाईटेक प्लन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पुलिस की मोबाइल एप्लीकेशन यूपी कॉप में एक नया फीचर जोड़ा जा रहा है. जिसमें पीड़ित अपना मोबाइल नम्बर और एफआईआर संख्या जैसे ही डालेगा, तुरंत उसके सामने केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट आ जाएगी. वर्तमान में ये प्लान मुख्यालय स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा रहा है. एडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल के मुताबिक आने वाले 15 दिनों में यह पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा.

घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
पुलिस पर लगने वाले आरोपों से मिल सकती है मुक्तिदरअसल, जब भी कोई पीड़ित पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराता है, तो उसे इस बात का संदेह होता है कि मुकदमे की विवेचना करने वाला पुलिसकर्मी दूसरी पार्टी से मिल चुका है. ऐसे में उसकी विवेचना प्रभावित हो रही है. ऐसे में पीड़ित आलाधिकारियों से मिल कर विवेचकों की शिकायत करते हैं और विवेचक पर गंभीर आरोप जैसे जांच के दौरान केस से नाम निकालने या धाराओं को कम करने के होते हैं. कुछ मामलों में आरोप सही पाए जाते हैं, लेकिन अधिकतर आरोप झूठे ही होते हैं. ऐसे में अब जब यूपी कॉप में हर रोज विवेचक केस की प्रगति रिपोर्ट अपलोड करेगा तो पारदर्शिता आने के साथ साथ इस तरह के आरोप भी नहीं लग सकेंगे.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
घर बैठे मिलेगी केस से जुड़ी हर प्रोग्रेस रिपोर्ट, नहीं लगाने होंगे थाने के चक्कर.
पीड़ित को नहीं लगाने होंगे थाने-चौकियों के चक्करइस फीचर से पीड़ितों को भी बड़ी राहत मिलेगी. केस दर्ज करवाने के बाद हर पीड़ित यह जानना चाहता है कि उसके केस में क्या हो रहा है, विवेचना कहां तक पहुंची. इसके लिए पीड़ित थाने-चौकियों के चक्कर लगाता है, लेकिन उसे विवेचना से जुड़े तथ्य नहीं बताए जाते हैं. इसे में यूपी कॉप में केस की प्रगति रिपोर्ट दिखाई देने से थानों के चक्कर लगाने से पीड़ितों को राहत मिलेगी. पीड़ित को महज बयान दर्ज कराने और केस से संबंधित दस्तावेज देने के लिए विवेचक के पास जाना होगा. इसके अलावा यूपी कॉप में सिर्फ दो ही लोग लॉगिन कर सकेंगे पहला स्वयं पीड़ित और दूसरा विवेचना अधिकारी. वहीं महिला संबंधी गंभीर अपराधों के मामलों में विवेचक को भी पुरानी फाइल खोलने से पहले पीड़िता को सूचना देने होगी. यदि पीड़िता को बगैर सूचित किए फाइल खोली जाती है तो ऐसी घटना के लिए विवेचना अधिकारी दोषी होगा.घर बैठे बदलवा सकेंगे विवेचना अधिकारीएडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल के मुताबिक यदि पीड़ित विवेचना से संतुष्ट नहीं है तो वह अपना विवेचक भी घर बैठे बदलवा सकता है. इसके लिए एक एप्लिकेशन लिख कर यूपी कॉप के उसी फीचर में अपलोड करना होगा. यदि पीड़ित के बताए गए तथ्य न्यायसंगत होंगे तो तत्काल विवेचक बदल कर पीड़ित को एसएमएस के जरिए सूचित कर दिया जाएगा. यही नहीं यदि विवेचना सही दिशा में नहीं हो रही है या फिर विवेचक जानबूझ कर विवेचना में गड़बड़ी कर रहा है तो उसके लिए भी शिकायती पत्र घर बैठे यूपी कॉप में अपलोड करना होगा जो विवेचक और उसके अधिकारी जैसे सीओ या एडिशनल एसपी तक पहुंच जाएगी.ऐप इस तरह करेगा कामएडीजी टेक्निकल सर्विस मोहित अग्रवाल बताते है कि, जब पीड़ित एफआईआर दर्ज कराता है उसे समय उससे उसका मोबाइल नंबर लिया जाएगा. जैसे ही एफआईआर सीसीटीएनएस के जरिए यूपी कॉप पर अपलोड होगी उसी समय एक ओटीपी नंबर पीड़ित के मोबाइल नंबर पर चला जाएगा. जब भी पीड़ित को यूपी कॉप में लॉगिन करना होगा उसे यही ओटीपी नंबर डालना होगा. उसके बाद पीड़ित अपनी एफआईआर कॉपी तो देखेगा ही साथ ही प्रोग्रेस रिपोर्ट भी उसे पता चल सकेगी. मोहित अग्रवाल के मुताबिक फिलहाल यह फीचर यूपी कॉप एप्लिकेशन में एड कर दिया गया है, लेकिन अभी इसे मुख्यालय स्तर पर चेक किया जा रहा है. फाइनल परीक्षण के बाद इसे लॉन्च कर दिया जाएगा. एडीजी ने बताया कि अगले 15 दिनों में यह सभी पीड़ितों को दिखने लगेगा.

यह भी पढ़ें : बीजेपी ने बागी नेताओं को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, इन्हें किया गया निष्कासित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.