लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के अधिकारों पर डाका डालकर उनके खिलाफ गहरी साजिश कर रही है. आन्दोलनकारी दर्जनों अन्नदाताओं की कुर्बानियों के बाद भी जो सल्तनत अपने काले कानून को वापस लेने को तैयार नहीं है, इससे समझा जा सकता है कि उसकी सभी मानवीय संवेदनाएं मृत हो चुकी हैं. भाजपा सरकार द्वारा लाये गये किसान विरोधी तीनों काले कानून न तो कृषि के लिए कल्याणकारी हैं और न ही किसानों के पक्ष में हैं. बल्कि यह तीनों कृषि कानून चंद उद्योगपति मित्रों के हित में किसानों के हक पर डाका डालने के लिए लाए गए हैं.
किसानों के साथ क्रूर मजाक कर रही सरकार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के प्रति संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघकर लगातार उनके साथ क्रूर मजाक कर रही है. सरकार की हठधर्मिता और तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते बेहद ठंड में किसान खुले आसमान के नीचे धरना देने को विवश हैं. अनेक किसानों की दुःखद मौत व संत राम सिंह द्वारा किसान विरोधी काले कानून के विरुद्ध आत्महत्या के बाद भी उसकी आंखें नहीं खुलना यह स्पष्ट करता है कि तीनों कृषि कानून वापस न लेने के पीछे केंद्र सरकार पर उद्योगपति मित्रों का बड़ा दबाव है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा कि सरकार और कितने किसानों की बलि लेना चाहती है? वह किसानों का कितना उत्पीड़न करना चाहती है यह बताए. उन्होंने कहा कि यह कितना क्रूर और निन्दनीय विषय है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे संभल के 26 किसानों पर देशद्रोह का मुकदमा पंजीकृत कर उनको 50-50 लाख का जुर्माना भरने का नोटिस थमा दिया. जब यह नोटिस किसानों को प्राप्त हुआ और मीडिया में चर्चा हुई तो स्थानीय प्रशासन ने कहा कि 50 लाख नहीं मात्र 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. नोटिस में जुर्माना राशि भरने में चूक हुई है.
किसानों के मुकदमे, जुर्माने की नोटिस वापस ले सरकार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. संभल के किसान शांतिपूर्ण तरीके से बिना आवागमन बाधित किए दिल्ली कूच कर रहे थे. उसके बाद भी उनको देशद्रोही बताकर मुकदमा लिखना व जुर्माना लगाने को क्या कहा जाएगा? इसके बावजूद मुख्यमंत्री लगातार कांग्रेस पर किसानों को लेकर गुमराह करने की बयानबाजी कर रहे हैं, जो हास्यास्पद है. निर्ममता व क्रूरता की सीमाएं लांघ रही योगी सरकार किसानों के प्रति दमनकारी रवैया अपनाकर आंदोलनकारियों के खिलाफ जो उत्पीड़नात्मक कार्रवाई कर रही है, उसकी कांग्रेस निंदा करती है. संभल के किसानों पर दर्ज कराए गए मुकदमों व जुर्माने की नोटिस वापस लेने की मांग करती है.