लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लगातार जंगलराज बढ़ता जा रहा है. आलम यह है कि प्रदेश में प्रतिदिन किसी न किसी जिले से जघन्य अपराध की सूचना सामने आ रही हैं. जिस दिन मैंने अध्यक्ष पद की शपथ ली थी, उसी दिन मैंने जिस जंगल राज की बात कही थी वह अब सामने आ रही है. आज उत्तर प्रदेश में दो अक्टूबर को देवरिया में हुए नरसंहार को देखें या फिर प्रयागराज में गुप्ता परिवार के पांच लोगों के हुई हत्या की घटना रही हो. ये घटनाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि प्रदेश में किस तरह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. पुलिस प्रशासन इन घटनाओं में शामिल अपराधियों की धर पकड़ करने में भी कामयाब नहीं हो पा रही है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मंगलवार को मीडियो को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़े कर रहे थे. उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि जिस समय देवरिया में नरसंहार हो रहा था. उसी समय पड़ोस के ही जिले और अपने गृह जनपद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाषण दे रहे थे. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में हो रही घटनाओं को रोकने में अक्षम साबित हो रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.
घटनाओं में भाजपा के नेता शामिल पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही
अजय राय ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था के मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि देवरिया की घटना को उठा लीजिए आज प्रदेश में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. सरकार पूरी तरह से कानून व्यवस्था संभाल पाने में असफल है. लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा किसानों को अपनी गाड़ी से रौंद कर मारता है. इसके बाद भी वह आज खुला घूम रहा है उसे पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. केंद्रीय मंत्री के बेटे के घर में उसी के पिस्टल से एक युवक की हत्या होती है, पर इस मामले पर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. विधायक के घर में उनका कर्मचारी फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेता है. पुलिस मामले की जांच करने के बजाय दबा रही है.
इसके अलावा कौशांबी में दलित परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई और वहां पर पहले से उपमुख्यमंत्री के बेटे के द्वारा गरीबों की जमीन पर कब्जा किया गया पर उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. कानपुर में एक व्यापारी को भाजपा पार्षद का पति अपने गुर्गों के साथ मिलकर बीच रोड पर उसे उसकी पत्नी के सामने मार मार का अधमरा कर देता है. इस मामले पर जब पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो पूरा सिख समाज लामबंद होता है. इसके बाद दबाव में आकर पुलिस कार्रवाई शुरू करती है और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लेती है. तब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के पीआरओ पुलिस कानपुर पुलिस कमिश्नर को उनके कार्यालय में धमकी देता है और मुकदमा दर्ज करने पर देख लेने की बात कहता है. यह सब ऐसे मामले हैं, जिसमें भाजपा के लोग इन घटनाओं से जुड़े हैं पर उसमें कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.