लखनऊ: बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी लगातार दूसरे दिन कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग की बैठक बुलाई है. ऊर्जा विभाग की इस बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार और वित्त विभाग के अधिकारी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निजीकरण के प्रस्ताव को लेकर मंत्रियों और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से बैठक कर निर्णय लेंगे कि निजीकरण पर मुहर लगाना है या इसे रद्द करना है. बता दें, कि बिजली संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की थी और मुख्यमंत्री ने अब निजीकरण के मसले को अपने हाथ में ले लिया है.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बात से भी खफा हैं कि जब कल ऊर्जा मंत्री के साथ वार्ता में निजीकरण पर बात बन गई थी तो फिर अड़ंगा क्यों लग गया? अवर अभियंता, अभियंता और कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर चले जाने से सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीवीआईपी लोगों सहित आम लोगों को भी बिजली की वजह से काफी परेशानी हुई, जिसे लेकर मुख्यमंत्री नाराज हैं.
बैठक में ऊर्जा मंत्री की तरफ से सोमवार रात वार्ता में जिन मांगों पर सहमति बन गई थी उन्हें भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जा सकता है. बता दें कि राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के लाखों बिजली कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं. मंगलवार दूसरे दिन भी उनका कार्य बहिष्कार जारी है. अब मुख्यमंत्री के दखल के बाद कोई फैसला हो सकता है जिसके बाद ही बिजली संगठनों की तरफ से आगे की रणनीति बनाई जाएगी.