लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर विकास विभाग में आरक्षण की अनंतिम सूची जारी कर दी है. प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद, 199 नगर पंचायत अध्यक्ष और 400 से भी अधिक ग्राम पंचायत अध्यक्षों के पदों परआरक्षण घोषित किया गया है. पूर्व में पिछड़ों के आरक्षण को लेकर विवाद हुआ था. इसलिए अब पूरा मामला कोर्ट गया था. इसके बाद भी जो आरक्षण हुआ है उसमें पिछड़ों के लिए 27% की व्यवस्था तय है. पहले भी 205 पदों पर पिछड़े वर्ग को आरक्षण था. ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सर्वे होने के बाद एक बार फिर 205 पदों पर ही पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिल रहा है. मगर अलग-अलग जिलों के आरक्षण में परिवर्तन आया है. महिला आरक्षण में काफी सीटें बढ़ गई हैं. सामान्य पदों पर आरक्षण में कुछ कमी आई है. 6 अप्रैल तक इस संबंध में आपत्तियां नगर विकास विभाग के गोमती नगर विस्तार क्षेत्र निदेशालय में दायर की जा सकती हैं. जिसके बाद में निस्तारण होगा और नगर विकास निकाय चुनाव के आरक्षण के लिए अंतिम सूची जारी कर देगा.
प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार की शाम प्रेस वार्ता करके आरक्षण के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर को जो आरक्षण जारी हुआ था. उसको न्यायालय में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद में पिछड़ा वर्ग आयोग के सर्वे और सिफारिश के आधार पर नए सिरे से आरक्षण की अनंतिम सूची जारी की गई है. जिसमें ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. पिछड़े वर्ग को महापौर, नगर पंचायत और ग्राम पंचायत के अध्यक्ष पदों की
205 सीटों पर रीजर्वेशन दिया गया है. अभी भी 205 सीट पर ही आरक्षण है. महिला आरक्षण को 255 से बढा कर अब 288 कर दिया गया है. एससी का आरक्षण बढ़ाकार 102 से अब 110 सीट हैं. अनुसूचित जनजाति एक थी अब दो हो गई हैं.
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 17 नगर निगमों में आगरा की सीट अनुसूचित जाति की महिला झांसी की सीट अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर की सीट पिछड़ा वर्ग की महिला, फिरोजाबाद की सीट पिछड़ा वर्ग की महिला, सहारनपुर की सीट पिछड़ा वर्ग, मेरठ की सीट पिछड़ा वर्ग, लखनऊ की सीट महिला, कानपुर की सीट महिला, गाजियाबाद की सीट महिला आरक्षित हैं. इसके अलावा वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा वृंदावन की सीटों पर कोई आरक्षण नहीं है.
यूपी निकाय चुनाव : आरक्षण की अनंतिम सूची जारी, पार्षदों के लिए कोई बदलाव नहीं, लखनऊ को महिला सीट
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर विकास विभाग में आरक्षण की अनंतिम सूची जारी कर दी है. प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद, 199 नगर पंचायत अध्यक्ष और 400 से भी अधिक ग्राम पंचायत अध्यक्षों के पदों परआरक्षण घोषित किया गया है. पूर्व में पिछड़ों के आरक्षण को लेकर विवाद हुआ था. इसलिए अब पूरा मामला कोर्ट गया था. इसके बाद भी जो आरक्षण हुआ है उसमें पिछड़ों के लिए 27% की व्यवस्था तय है. पहले भी 205 पदों पर पिछड़े वर्ग को आरक्षण था. ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सर्वे होने के बाद एक बार फिर 205 पदों पर ही पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिल रहा है. मगर अलग-अलग जिलों के आरक्षण में परिवर्तन आया है. महिला आरक्षण में काफी सीटें बढ़ गई हैं. सामान्य पदों पर आरक्षण में कुछ कमी आई है. 6 अप्रैल तक इस संबंध में आपत्तियां नगर विकास विभाग के गोमती नगर विस्तार क्षेत्र निदेशालय में दायर की जा सकती हैं. जिसके बाद में निस्तारण होगा और नगर विकास निकाय चुनाव के आरक्षण के लिए अंतिम सूची जारी कर देगा.
प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार की शाम प्रेस वार्ता करके आरक्षण के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर को जो आरक्षण जारी हुआ था. उसको न्यायालय में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद में पिछड़ा वर्ग आयोग के सर्वे और सिफारिश के आधार पर नए सिरे से आरक्षण की अनंतिम सूची जारी की गई है. जिसमें ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. पिछड़े वर्ग को महापौर, नगर पंचायत और ग्राम पंचायत के अध्यक्ष पदों की
205 सीटों पर रीजर्वेशन दिया गया है. अभी भी 205 सीट पर ही आरक्षण है. महिला आरक्षण को 255 से बढा कर अब 288 कर दिया गया है. एससी का आरक्षण बढ़ाकार 102 से अब 110 सीट हैं. अनुसूचित जनजाति एक थी अब दो हो गई हैं.
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 17 नगर निगमों में आगरा की सीट अनुसूचित जाति की महिला झांसी की सीट अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर की सीट पिछड़ा वर्ग की महिला, फिरोजाबाद की सीट पिछड़ा वर्ग की महिला, सहारनपुर की सीट पिछड़ा वर्ग, मेरठ की सीट पिछड़ा वर्ग, लखनऊ की सीट महिला, कानपुर की सीट महिला, गाजियाबाद की सीट महिला आरक्षित हैं. इसके अलावा वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा वृंदावन की सीटों पर कोई आरक्षण नहीं है.