लखनऊ : उत्तर प्रदेश में झूठी शिकायत करना अब भारी पड़ेगा. जिसको लेकर अब एफआईआर व जुर्माना होगा. इसके लिए शिकायतकर्ता को भी नियमों में बांधा जाएगा. किसी ने अगर झूठी शिकायत की तो उसके खिलाफ जिला, मंडल व राज्य स्तरीय समितियों के अध्यक्ष या सक्षम प्राधिकारी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. दुर्भावनापूर्ण तथ्य सामने आते हैं तो एक लाख तक जुर्माना भी लगेगा. यूपी कैबिनेट (UP Cabinet Decision) ने बाई सरकुलेशन यह फैसला लिया है. अधिकतम 180 दिन में विवेचना इसके तहत दर्ज मामलों की विवेचना 90 दिन में पूरी करनी होगी. यह अवधि अधिकतम 10 दिन और बढ़ाई जा सकेगी. अवधि बढ़ाने की जानकारी डीएम व मंडलायुक्त को अनिवार्य रूप से देनी होगी.
पोंजी स्कीम में 25 लाख तक के विवाद की सुनवाई कर सकेंगे मंडलायुक्त : उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि 'निवेशकों से पैसे लेकर उन्हें भारी मुनाफा देने का वादा करने खाली पोंजी कंपनियों पर शिकंजा कसने और विवादों को जल्द मध्यस्थता के जरिये निपटाने का रास्ता साफ हो गया है. नई नियमावली के तहत पोंजी स्कीम में दोनों पक्षों की सहमति से 25 लाख तक के विवाद की सुनवाई मंडलायुक्त करेंगे. इससे अधिक राशि वालों का निपटारा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय पर्यवेक्षणीय समिति करेगी. एसीएस वित्त की राज्यस्तरीय समिति 25 लाख से अधिक वाले विवाद सुनेगी. नियमावली में स्पष्ट है कि जमा की गई संपत्ति की कुक्क अधिनियम के अधीन मामला दर्ज होने से पहले भी की जा सकेगी. हालांकि, आरंभिक जांच में स्पष्ट होना जरूरी है कि यह संपत्ति, अपराध से अर्जित की गई है या जमाकर्ता के हित में ऐसा करना जरूरी है. 'स्कीम पाबंदी नियमावली-2019' पर अमल के लिए नियमावली बनाई थी, जिसका कैबिनेट ने शुक्रवार को अनुमोदन किया. केंद्र सरकार ने पहले ही इस तरह के मामलों में कार्रवाई का प्रावधान किया है.
फिल्म सिटी के निर्माण को हरी झंडी : अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के निर्माण का अनुमोदन कैबिनेट ने कर दिया है. निर्माण के लिए बिड डॉक्यूमेंट व एग्रीमेंट को मंजूरी दी गई है. एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण विकासकर्ता के चयन के लिए अंतरराष्ट्रीय बिड जारी करेगा. निर्माण कार्य मॉडल पर होगा. इसमें लगभग 20 हजार करोड़ का निवेश होगा. फिल्म सिटी यमुना एक्सप्रेस के किनारे एक हजार एकड़ में प्रस्तावित है.