लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना प्रारंभ करने समेत दो अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. कैबिनेट ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020-21 से निजी लघु सिंचाई कार्यक्रम के अंतर्गत सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना प्रारंभ किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है.
क्या है योजना
यह योजना वर्ष 2019-20 से प्रस्तावित की जा रही है. योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत श्रेणी के न्यूनतम 10 कृषकों के समूह के लिए सौर ऊर्जा चालित नलकूप का निर्माण कराया जाएगा. एक नलकूप की लागत 4.69 लाख रुपये आकलित की गई है. इसमें सामान्य श्रेणी के लिए 0.7305 लाख रुपये केन्द्रांश तथा 2.4215 लाख रुपये राज्य एवं कृषक समाज का अंश 1.5380 लाख रुपये होगा. एससीपी हेतु केन्द्रांश वही होगा, लेकिन किसानों के समूह को केवल 0.974 लाख रुपये ही देने होंगे, बाकी की रकम राज्य सरकार भरेगी.
इस योजना के अंतर्गत नलकूप का कार्य लघु सिंचाई विभाग तथा सोलर पंप की स्थापना कृषि विभाग करेगा. कुसुम योजना-बी के लिए कृषि विभाग नोडल विभाग है. एक नलकूप से छह हेक्टेयर शुद्ध क्षेत्र सिंचित होगा. इससे 10 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी. योजना के अंतर्गत 69 मीटर तक गहरे नलकूप का निर्माण कराया जाएगा. नलकूप स्थापना के साथ-साथ पंप हाउस, जल वितरण प्रणाली के लिए एचटीपीई पाइप की व्यवस्था का भी प्रस्ताव है. नलकूप में जल निकासी के लिए 5 हॉर्स पावर के सौर ऊर्जा पंप की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है.
छह करोड़ रुपये का बजट
योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक वर्ष के लिए प्रस्तावित की गई है. इसके अंतर्गत 179 नलकूपों के लिए वर्ष 2020-21 में छह करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान है. लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अतिरिक्त बजट की स्वीकृति प्राप्त कर बड़े जिलों में 10 एवं छोटे जिलों में पांच सामूहिक नलकूपों का निर्माण कराया जाएगा.
कमजोर किसानों के लिए लाभप्रद
योजना के क्रियान्वयन से आर्थिक दृष्टि से अत्यंत कमजोर लघु एवं सीमांत कृषक सौर ऊर्जा चालित नलकूप स्थापित कर सकेंगे, जिससे ऊर्जा एवं जल की बचत होगी. यह योजना प्रदेश के अतिदोहित/ क्रिटिकल विकास खंडों को छोड़कर शेष में क्रियान्वित की जाएगी. इसके साथ ही योजना का मूल्यांकन किया जाएगा. मूल्यांकन में सार्थक परिणाम आने पर आगामी वर्षों में योजना का विस्तार किए जाने पर निर्णय लिया जाएगा.
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट अलीगढ़ के भवन निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को नि:शुल्क भूमि हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है. बैठक में सहारनपुर में आसन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए भारतीय सेना को 25885.64 हेक्टेयर वन भूमि 30 वर्षों के लिए प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है.