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योगी कैबिनेट में किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मिली मंजूरी, ये हैं नए प्रावधान

मकान मालिक और किरायेदारों की सहूलियत के लिए आवास विभाग ने ‘उप्र नगरीय परिसरों की किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021’ तैयार किया है. इस अध्यादेश को लागू करने से संबंधित प्रस्ताव को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में मंजूरी दे दी गई. अध्यादेश में किरायेदार और मकान मालिक दोनों के हितों की सुरक्षा के प्रावधान किए गए हैं.

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किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मंजूरी.
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Published : Jan 9, 2021, 10:26 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किराए में मनमानी वृद्धि पर रोक लगाने के लिए किराएदारी विनियमन अध्यादेश 2021 लेकर आई है. अध्यादेश को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. अध्यादेश लागू होने के उपरांत मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकेगा. आवासीय पर पांच प्रतिशत और गैर आवासीय पर सात फीसदी सालाना किराया बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. किराएदार के ऊपर भी कई पाबंदियां लगा कर मकान मालिक के अधिकारों को संरक्षण दिया गया है.

60 दिनों में होगा मामलों का निस्तारण
राज्य में यह अध्यादेश लागू होने के बाद सभी किराएदारी अनुबंध के आधार पर होगी. किराएदारी से जुड़े किसी भी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्रावधान किया गया है. इस अध्यादेश में ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों के अंदर वाद का निस्तारण करना होगा. कोई भी मकान मालिक बगैर अनुबंध किसी को किराए पर अपना मकान भी नहीं दे सकेगा. अध्यादेश से किराएदारी के विवाद कम होंगे और पुराने प्रकरणों में किराया पुनरीक्षण किया जा सकेगा.

बड़े विवाद की वजह से नई व्यवस्था
मौजूदा समय में लागू उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराए पर देने किराया तथा बेदखली विनियमन) अधिनियम 1972 लागू है. इस अधिनियम के लागू होने के बाद से भवन स्वामी और किरायेदारों के बीच के विवाद बढ़ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नगरीय परिसरों को किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 तैयार किया गया है.

इन पर नहीं लागू होगा अध्यादेश
उत्तर प्रदेश नगरीय किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 केंद्र या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश या भारत सरकार के उपक्रम या स्थानीय निकाय या छावनी परिषद में लागू नहीं होगा. कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगठन सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को किराए पर दिए हो, उस पर भी यह लागू नहीं होगा. धार्मिक या धार्मिक संस्थान लोक न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत ट्रस्ट, वक्फ की संपत्ति वाले परिसर पर किराएदारी कानून लागू नहीं होगा. इस अध्यादेश के अनुसार, पहले से रखे गए किरायेदारों के मामले में यदि लिखित नहीं है तो अनुबंध पत्र लिखित कराने के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा. किराया बढ़ोतरी की गणना चक्रवृद्धि आधार पर होगी.

2020-21 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है. पिछले साल की तरह अगले वित्तीय वर्ष के लिए भी शराब और बीयर की पुरानी दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा. नवीनीकरण के बाद जो दुकान है बच जाएंगी. उनके लिए लाटरी ड्रा करवाया जाएगा.

इसके अलावा केएम शुगर मिल मसौधा अयोध्या ने स्वयं की आसवानी में किए गए सीरा के संभरण पर जमा किए गए प्रशासनिक शुल्क की वापसी के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है. प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में निषाद राज पार्क के निर्माण के लिए निशुल्क भूमि की व्यवस्था कराए जाने के संबंध में भी प्रस्ताव को मंजूरी मिली है.

गौतम बुद्ध नगर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जेवर के परिसर में आ रही सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों/नालों को विस्थापित किए जाने के लिए आपसी समझौते पर प्रस्ताव पास हुआ. इसके आधार पर क्रय की जाने वाली भूमि के लिए 2300 प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित किए जाने के संबंध में भी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पीएम आवास योजना
इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना को राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण में भी लागू करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने नीति तय की है. औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पीएम आवास योजना लागू होने से एनसीआर क्षेत्र के गरीब परिवारों को भी आवास दिया जा सकेगा. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना औद्योगिक विकास प्राधिकरण में लागू नहीं थी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किराए में मनमानी वृद्धि पर रोक लगाने के लिए किराएदारी विनियमन अध्यादेश 2021 लेकर आई है. अध्यादेश को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. अध्यादेश लागू होने के उपरांत मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकेगा. आवासीय पर पांच प्रतिशत और गैर आवासीय पर सात फीसदी सालाना किराया बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. किराएदार के ऊपर भी कई पाबंदियां लगा कर मकान मालिक के अधिकारों को संरक्षण दिया गया है.

60 दिनों में होगा मामलों का निस्तारण
राज्य में यह अध्यादेश लागू होने के बाद सभी किराएदारी अनुबंध के आधार पर होगी. किराएदारी से जुड़े किसी भी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्रावधान किया गया है. इस अध्यादेश में ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों के अंदर वाद का निस्तारण करना होगा. कोई भी मकान मालिक बगैर अनुबंध किसी को किराए पर अपना मकान भी नहीं दे सकेगा. अध्यादेश से किराएदारी के विवाद कम होंगे और पुराने प्रकरणों में किराया पुनरीक्षण किया जा सकेगा.

बड़े विवाद की वजह से नई व्यवस्था
मौजूदा समय में लागू उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराए पर देने किराया तथा बेदखली विनियमन) अधिनियम 1972 लागू है. इस अधिनियम के लागू होने के बाद से भवन स्वामी और किरायेदारों के बीच के विवाद बढ़ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नगरीय परिसरों को किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 तैयार किया गया है.

इन पर नहीं लागू होगा अध्यादेश
उत्तर प्रदेश नगरीय किराएदारी विनियमन अध्यादेश-2021 केंद्र या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश या भारत सरकार के उपक्रम या स्थानीय निकाय या छावनी परिषद में लागू नहीं होगा. कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगठन सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को किराए पर दिए हो, उस पर भी यह लागू नहीं होगा. धार्मिक या धार्मिक संस्थान लोक न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत ट्रस्ट, वक्फ की संपत्ति वाले परिसर पर किराएदारी कानून लागू नहीं होगा. इस अध्यादेश के अनुसार, पहले से रखे गए किरायेदारों के मामले में यदि लिखित नहीं है तो अनुबंध पत्र लिखित कराने के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा. किराया बढ़ोतरी की गणना चक्रवृद्धि आधार पर होगी.

2020-21 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है. पिछले साल की तरह अगले वित्तीय वर्ष के लिए भी शराब और बीयर की पुरानी दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा. नवीनीकरण के बाद जो दुकान है बच जाएंगी. उनके लिए लाटरी ड्रा करवाया जाएगा.

इसके अलावा केएम शुगर मिल मसौधा अयोध्या ने स्वयं की आसवानी में किए गए सीरा के संभरण पर जमा किए गए प्रशासनिक शुल्क की वापसी के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है. प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में निषाद राज पार्क के निर्माण के लिए निशुल्क भूमि की व्यवस्था कराए जाने के संबंध में भी प्रस्ताव को मंजूरी मिली है.

गौतम बुद्ध नगर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जेवर के परिसर में आ रही सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों/नालों को विस्थापित किए जाने के लिए आपसी समझौते पर प्रस्ताव पास हुआ. इसके आधार पर क्रय की जाने वाली भूमि के लिए 2300 प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित किए जाने के संबंध में भी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पीएम आवास योजना
इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना को राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण में भी लागू करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने नीति तय की है. औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पीएम आवास योजना लागू होने से एनसीआर क्षेत्र के गरीब परिवारों को भी आवास दिया जा सकेगा. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना औद्योगिक विकास प्राधिकरण में लागू नहीं थी.

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