लखनऊ : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के वर्ष 2021-22 के अपने बजट में प्रदेश के प्रतिभावान कलाकारों और साहित्यकारों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है. सरकार के निर्णय के अनुसार हर वर्ष देश और विदेश में यूपी का मान बढ़ाने वाले 5 लेखकों और कलाकारों को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान दिया जायेगा. पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रूपये की धनराशि भी दी जायेगी. शहर के कलाकारों और साहित्यकारों ने बजट में प्रस्तावित इस निर्णय का स्वागत किया है साथ ही अपने कुछ सुझाव भी दिए हैं.
'पुरस्कार के लिए चयन समिति बनाई जाय'
रंगमंच और फिल्म के वरिष्ठ अभिनेता डाॅ अनिल रस्तोगी ने कहा कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है. लेकिन पुरस्कार के लिए योग्य व्यक्ति का निर्णय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए. जिसके सदस्य विभिन्ना कला विधाओं के विशेषज्ञ हों, ओर उनके निर्णय के अनुसार ही पुरस्कार के लिए योग्यता का चयन होना चाहिए. योग्यता का चुनाव उसकी प्रतिभा के अनुसार ही होना चाहिए.
'कलाकारों की बुनियादी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाय'
सत्यपथ रंगमंडल के निदेशक मुकेश वर्मा का कहना था कि सरकार का कदम तो सराहनीय है. लेकिन रंगमंच के कलाकारों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाता तो अच्छा रहता. प्रेक्षागृहों में आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. कलाकारों के रिहर्सल के लिए सुविधा मुुहैया हो. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भातखंडे में अभिनय की कक्षाएं भी शुरू होनी चाहिए. संगीत और अभिनय का आपस में जोड़ के ही देखा जाना चाहिए, क्योंकि थियेटर और फिल्म संगीत के बिना अधूरी ही है.
वरिष्ठ अवधी साहित्यकार राम बहादुर मिसिर ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाषा, साहित्य और संस्कृति राष्टीय पहचान के मुद्दे हैं. साहित्यकार, कलाकार और लोक कलाकर अपने जीवन का दान देकर अपने क्षेत्र की पहचान को कायम रखता है. ऐसे में उसे सम्मान की रक्षा और आर्थिक सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी बन जाती है.
'कलाकारों के लिए योजनाओं का विस्तार होना चाहिए'
चित्रकार भूपेंद्र कुमार अस्थाना कहते हैं कि प्रदेश सरकार की योजना सराहनीय है, लेकिन सिर्फ पुरस्कार देने से प्रदेश में कला और कलाकारों का विकास संभव नहीं. इसके लिए प्रदेश में कला और कलाकारों के लिए कई योजनाओं का विस्तार करना चाहिए. कला बाजार पर ध्यान रखना होगा, जिससे कि प्रदेश से कलाकारों का पलायन रुके. प्रदेश में कला को और समृद्ध करने के लिए एक समकालीन, लोक, आधुनिक संग्रहालय बनाने की जरूरत है. यह देश ही नहीं विदेशों के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा. स्वतंत्र व युवा कलाकारों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए.