लखनऊ: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की मानसिकता कुंठित होने का आरोप लगाया. पार्टी दफ्तर पर शुक्रवार को स्वतंत्र देव ने तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को हर बात को राजनीतिक चश्मे से देखने की बुरी बीमारी लग गई है.
यही कारण है कि संविधान दिवस जैसे पवित्र दिन भी वो कुत्सित राजनीति से ऊपर नहीं उठ पाए. कहा कि अखिलेश यादव परिवार भी नहीं चला पा रहे हैं. वो अपनी पत्नी को सांसद बनाने तक सीमित हो गए हैं. आज के दिन जब पूरा देश भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प ले रहा है तो सपा मुखिया को चुनाव की याद आ रही है.
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जब मंच से अखिलेश यादव दबे-कुचले, वंचितों, शोषितों और गरीबों के उत्थान की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे तो वह यह भूल गए कि अनुसूचित जाति के गरीबों और वंचितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार सपा कार्यकाल में ही हुआ था.
सबसे ज्यादा दलित उत्पीड़न के मामले भी सपा कार्यकाल में ही सामने आए थे. स्थिति यह थी कि दलितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं की जाती थी. वहीं, सपा मुखिया आज मंच से दलित, वंचित, शोषित वर्ग की सुरक्षा के लिए बनाए गए संविधान के बारे में बात कर रहे थे.
कहा कि इस संविधान की याद अपने शासनकाल में नहीं आई जब दलितों को मारा-पीटा जाता था. उनकी हत्या कर दी जाती थी. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती थी. विडंबना है कि संविधान को क्षत-विक्षत और लहूलुहान करने वाले सपाई संविधान की दुहाई दे रहे हैं.
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इस दौरान स्वतंत्र देव ने मौजूदा योगी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी व सीएम योगी के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद सशक्त है.
कहा कि माफिया और गुंडे अंतिम सांसें ले रहे हैं. प्रदेश में बेटियां आधी रात में भी जहां जाना चाहती हैं, आ-जा सकतीं हैं. आज प्रदेश में बेटियां राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दे रहीं हैं. कहा कि कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं. जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते अपराधियों को बेल नहीं बल्कि जेल पसंद आ रहा है.
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