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खरमास की वजह से यूपी बीजेपी के प्रवक्ताओं ने ली राहत की सांस

यूपी के लखनऊ में बीजेपी के प्रवक्ताओं ने राहत की सांस ली है. भाजपा अब मकर संक्रांति तक मीडिया विभाग की नई टीम घोषित नहीं करेगी.

भारतीय जनता पार्टी कार्यालय.
भारतीय जनता पार्टी कार्यालय.
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Published : Dec 17, 2020, 5:02 PM IST

लखनऊः यूपी बीजेपी के प्रवक्ताओं को खरमास की वजह से राहत मिल गयी है. माना जा रहा है कि मुहूर्त देखकर काम करने वाली भाजपा में खरमास के दौरान मकर संक्रांति तक मीडिया विभाग की नई टीम घोषित नहीं की जाएगी. इससे पुरानी टीम में शामिल रहे प्रवक्ताओं ने थोड़ी राहत की सांस ली और प्रदेश कार्यालय पर आकर बैठना शुरू कर दिया है. इनके कामकाज में कम से कम एक माह तक कोई रुकावट नहीं आने वाली है.

पुराने प्रवक्ताओं को मिलेगी जगह
भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अध्यक्ष बनने के बाद अपने मुख्य पदाधिकारियों (मेन बॉडी) की घोषणा की लेकिन मोर्चा, प्रकोष्ठों की घोषणा नहीं हुई है. खरमास से पहले टीम आने की उम्मीद लगाई जा रही थी. युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित मोर्चा जैसी ब्रांच शामिल हैं जिनकी घोषणा होनी है. मीडिया टीम को भी यही उम्मीद रही. खरमास शुरू होने के बाद भी टीम घोषित नहीं हो सकी तो पुराने प्रवक्ताओं को लगा कि अब एक माह तक तो उनका पद सुरक्षित है.

लिहाजा कार्यालय आकर दायित्व के अनुरूप काम करते रहना चाहिए. इसी के साथ पार्टी के कई प्रवक्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पर आकर बैठना शुरू कर दिया है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर प्रवक्ता स्थायी रूप से रहने वाले हैं. आगामी पंचायत और 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी पुराने लोगों को ही इस टीम में शामिल करना चाहती है.

एक प्रवक्ता ने बढ़ाई चिंता
हुआ यूं कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने और लॉकडाउन के साथ ही पार्टी कार्यालय पर भी लोगों का आना प्रतिबंधित कर दिया गया. अनलॉक शुरू हुआ. तब भी कार्यालय पर आवागमन सामान्य नहीं हुआ. अनलॉक एक और दो के बाद से थोड़ी ढिलाई बरती जाने लगी. पार्टी कार्यालय पर लोगों का आना-जाना शुरू हुआ. पुरानी टीम में शामिल ज्यादातर प्रवक्ता घर से ही अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे और टीवी चैनलों की डिबेट में भी शामिल होते रहे. प्रवक्ता हीरो बाजपेयी 15 अक्टूबर के बाद से पार्टी कार्यालय आना शुरू कर दिया. तब वे हर दिन दोपहर 12 से शाम चार-पांच बजे तक मौजूद रहते थे. दूसरी तरफ उन प्रवक्ताओं के मन में हलचल शुरू हो गयी जो नहीं आ पा रहे थे.

पार्टी कार्यालय पर प्रवक्ताओं की संख्या में अचानक इजाफा
पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना काल में कार्यालय पर नहीं आना था. इसलिए वे आने का निर्णय नहीं ले पा रहे थे. बीच-बीच में डॉ. समीर सिंह, ओपी मिश्रा समेत भी आ जाया करते थे. एक सप्ताह पहले से प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आना शुरू कर दिया. लेकिन खरमास लगने के तुरंत बाद पार्टी कार्यालय पर 16 दिसम्बर को एकाएक प्रवक्ताओं की संख्या में इजाफा देखने को मिला. प्रवक्ता अशोक पांडेय, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, हीरो बाजपेयी, मनीष शुक्ला, मीडिया सम्पर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव के अलावा अन्य लोग शामिल हैं.

अचानक प्रवक्ताओं के जुटने की वजह पूछने पर एक प्रवक्ता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि खरमास की वजह से अगले एक माह तक हमारी पार्टी में नई मीडिया टीम की घोषणा होना संभव नहीं है. लिहाजा अब सभी पुराने प्रवक्ता इस दौरान बिना किसी रुकावट के आकर काम कर सकते हैं. इसलिए प्रवक्ताओं को कार्यालय पर देखा जा सकता है.

लखनऊः यूपी बीजेपी के प्रवक्ताओं को खरमास की वजह से राहत मिल गयी है. माना जा रहा है कि मुहूर्त देखकर काम करने वाली भाजपा में खरमास के दौरान मकर संक्रांति तक मीडिया विभाग की नई टीम घोषित नहीं की जाएगी. इससे पुरानी टीम में शामिल रहे प्रवक्ताओं ने थोड़ी राहत की सांस ली और प्रदेश कार्यालय पर आकर बैठना शुरू कर दिया है. इनके कामकाज में कम से कम एक माह तक कोई रुकावट नहीं आने वाली है.

पुराने प्रवक्ताओं को मिलेगी जगह
भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अध्यक्ष बनने के बाद अपने मुख्य पदाधिकारियों (मेन बॉडी) की घोषणा की लेकिन मोर्चा, प्रकोष्ठों की घोषणा नहीं हुई है. खरमास से पहले टीम आने की उम्मीद लगाई जा रही थी. युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित मोर्चा जैसी ब्रांच शामिल हैं जिनकी घोषणा होनी है. मीडिया टीम को भी यही उम्मीद रही. खरमास शुरू होने के बाद भी टीम घोषित नहीं हो सकी तो पुराने प्रवक्ताओं को लगा कि अब एक माह तक तो उनका पद सुरक्षित है.

लिहाजा कार्यालय आकर दायित्व के अनुरूप काम करते रहना चाहिए. इसी के साथ पार्टी के कई प्रवक्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पर आकर बैठना शुरू कर दिया है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर प्रवक्ता स्थायी रूप से रहने वाले हैं. आगामी पंचायत और 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी पुराने लोगों को ही इस टीम में शामिल करना चाहती है.

एक प्रवक्ता ने बढ़ाई चिंता
हुआ यूं कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने और लॉकडाउन के साथ ही पार्टी कार्यालय पर भी लोगों का आना प्रतिबंधित कर दिया गया. अनलॉक शुरू हुआ. तब भी कार्यालय पर आवागमन सामान्य नहीं हुआ. अनलॉक एक और दो के बाद से थोड़ी ढिलाई बरती जाने लगी. पार्टी कार्यालय पर लोगों का आना-जाना शुरू हुआ. पुरानी टीम में शामिल ज्यादातर प्रवक्ता घर से ही अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे और टीवी चैनलों की डिबेट में भी शामिल होते रहे. प्रवक्ता हीरो बाजपेयी 15 अक्टूबर के बाद से पार्टी कार्यालय आना शुरू कर दिया. तब वे हर दिन दोपहर 12 से शाम चार-पांच बजे तक मौजूद रहते थे. दूसरी तरफ उन प्रवक्ताओं के मन में हलचल शुरू हो गयी जो नहीं आ पा रहे थे.

पार्टी कार्यालय पर प्रवक्ताओं की संख्या में अचानक इजाफा
पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना काल में कार्यालय पर नहीं आना था. इसलिए वे आने का निर्णय नहीं ले पा रहे थे. बीच-बीच में डॉ. समीर सिंह, ओपी मिश्रा समेत भी आ जाया करते थे. एक सप्ताह पहले से प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आना शुरू कर दिया. लेकिन खरमास लगने के तुरंत बाद पार्टी कार्यालय पर 16 दिसम्बर को एकाएक प्रवक्ताओं की संख्या में इजाफा देखने को मिला. प्रवक्ता अशोक पांडेय, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, हीरो बाजपेयी, मनीष शुक्ला, मीडिया सम्पर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव के अलावा अन्य लोग शामिल हैं.

अचानक प्रवक्ताओं के जुटने की वजह पूछने पर एक प्रवक्ता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि खरमास की वजह से अगले एक माह तक हमारी पार्टी में नई मीडिया टीम की घोषणा होना संभव नहीं है. लिहाजा अब सभी पुराने प्रवक्ता इस दौरान बिना किसी रुकावट के आकर काम कर सकते हैं. इसलिए प्रवक्ताओं को कार्यालय पर देखा जा सकता है.

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