लखनऊ : बेसिक शिक्षा के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अब प्राइवेट स्कूलों के बराबर शिक्षा देने की तैयारी है. छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत स्कूलों को आधुनिक बनाने की कार्ययोजना है. इसमें परिषदीय विद्यालयों के अंदर आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) लैब की स्थापना की जा रही है.
राज्य परियोजना निदेशालय ने आईसीटी (Information and Communication Technology-सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) लैब बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली है. दिसंबर तक लखनऊ के 18 परिषदीय विद्यालयों में लैब बनाने का काम पूरा होगा. परिषदीय विद्यालयों में अब डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना करने का काम शुरू हो गया है. राज्य परियोजना निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर 5 से लेकर 20 कम्प्यूटर वाली लैब तैयार होगी. इसमें प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों के साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी शामिल हैं. आईसीटी लैब तैयार होने के बाद छात्रों को एक घंटे की अतिरिक्त कक्षाएं दी जाएंगी, जिसमें छात्रों को कम्प्यूटर पर दक्ष बनाया जाएगा.
लर्निंग बाई डूइंग कर दक्ष बनेंगे छात्र : बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परिषदीय स्कूलों आधुनिकता लाने की पहल शुरू हुई है. इसमें स्मार्ट क्लास रूम तैयार किये जा रहे हैं. शिक्षकों को टेबलेट मिल रहे हैं और आईसीटी लैब की स्थापना हो रही है. स्मार्ट क्लास की कार्ययोजना के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सामुदायिक सहभागिता एवं सीएसआर के माध्यम से 15 हजार स्कूलों में स्मार्ट क्लास से शिक्षा देने की तैयारी है. इनमें स्क्रीन पर शिक्षक छात्रों को शिक्षित करेंगे. इसके लिए 6500 वीडियोज तैयार हुए हैं. एफएलएन के संबंध में 100 वीडियोज और यूनिसेफ के सहयोग से आओ अंग्रेजी सीखे विषय पर 90 एपिसोड वाले शैक्षिक कंटेंट तैयार किए गये हैं. इन माध्यम से शिक्षित होने वाले छात्र आईसीटी लैब में कम्प्यूटर पर इसको कर के सीखेंगे और दक्ष बनेंगे.
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