लखनऊ: उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, झारखंड और केरल समेत 24 राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने वाले 450 लोगों पर UP ATS नजर बनाए है. 7 दिन के रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी ने दूसरे दिन पूछताछ में करवाए गए धर्मांतरण में 450 लोगों की लिस्ट मिली है. दिल्ली के बाटला हाऊस को उमर गौतम ने अपनी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनाया था. ATS के अफसर अब इन चिन्हित लोगों से पूछताछ कर आरोपी उमर और जहांगीर का कनेक्शन खंगालेगी.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की मानें तो UP ATS की गिरफ्त में आये आरोपी उमर और जहांगीर ने एक हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करने की बात स्वीकारी थी. आरोपियों से पूछताछ के आधार पर UP ATS को देश के कई राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने वाले 450 लोगों की सूची तैयार की है. ATS के अफसर अब इन चिन्हित लोगों से पूछताछ करेगी. इसके लिए अन्य राज्यों और केंद्र की एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है.
पुलिस धर्मांतरण कराने वाले 450 चिन्हित लोगों में सबसे अधिक 156 लोग दिल्ली के हैं. जबकि, उत्तर प्रदेश में 122 लोग हैं. ये वो लोग है, जो हिन्दू से मुस्लिम बने है. इनमें से करीब 50 सिर्फ फतेहपुर और दो लखनऊ के रहने वाले है.
24 राज्यों में फैला उमर का नेटवर्क
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार उमर गौतम और जहांगीर आलम से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है. देश भर के 24 राज्यों में उमर का नेटवर्क फैला होने का दावा किया जा रहा है. एटीएस इसकी तस्दीक कर रही है. साथ ही उमर द्वारा बताए गए पतों को खंगालने के लिए यूपी पुलिस संबंधित राज्य की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर रही है. धर्मांतरण से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच की जाएगी. पुलिस व जांच एजेंसिया लगातार जांच कर रही हैं. पूरा मामला जांच का विषय है. जब तक कोई पुख्ता सबूत न मिल जाए तक तक कुछ नहीं कहा जा सकता. जब पुख्ता प्रमाण मिल जाए तभी बताना उचित होगा. धर्मान्तरित किए गए लोगों के परिवार वालों से हम लोग लगातार संपर्क में हैं.
डेढ़ वर्ष में 33 लोगों का कराया धर्मांतरण
गृह विभाग की मानें तो 7 दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी द्वारा बीते डेढ़ साल में करवाए गए धर्मांतरण के 81 पन्ने का विवरण भी सामने आया है. मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दस्तखत से 7 जनवरी 2020 से 12 मई 2021 के बीच 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया. जिनमें 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं. वहीं, राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक धर्मांतरण दिल्ली से 14, उत्तर प्रदेश से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, महाराष्ट्र, असम, झारखंड और केरल से 1-1 व्यक्ति ने इस दौरान धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार किया. जिन 33 लोगों के धर्मांतरण का ब्यौरा सामने आया है. उनमें सिर्फ एक व्यक्ति जो यूपी में बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला. सबसे कम पढ़ा लिखा छठवीं पास था, जिसने हाल ही में 8 जून 2021 को 28 साल की उम्र में धर्मांतरण किया.
धर्मांतरण कराने वालों में चिकित्सक, इंजीनियर और पीएचडी होल्डर तक शामिल
धर्म बदलने वालों में सरकारी नौकरी करने वाले, बीटेक तक पढ़ाई कर चुका शिक्षक, एमबीए पास कर नौकरी कर रहा युवक, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली के अस्पताल की स्टाफ नर्स, गुजरात का एमबीबीएस डॉक्टर, इलेक्ट्रिकल्स में डिप्लोमा होल्डर एमफार्मा, MCA पीएचडी कर चुके युवा शामिल हैं. सभी ने इस्लामिक दावा सेंटर के निर्धारित धर्मांतरण के फार्म के साथ एक एफिडेविट भी लगा कर दिया है. जिसमें वो लिखित तौर पर कह रहे हैं कि वह बिना किसी लालच भय के अपना मूल धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार करते हैं.
12 जून को कराया आखिरी धर्मांतरण
काजी मुफ्ती जहांगीर कासमी के द्वारा इस्लामिक दावा सेंटर में करवाया गया. आखिरी धर्मांतरण 12 जून 2021 को हुआ था. जिसके 7 दिनों बाद ही यूपी एटीएस ने जहांगीर कासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, दूसरी तरफ यूपी एटीएस ने दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. 2 दिन हुई पूछताछ में धर्मांतरण में शामिल अन्य संस्थाओं के कनेक्शन, इन संस्थाओं का इस्लामिक दावा सेंटर से कनेक्शन, उमर गौतम व जहांगीर कासमी इन संस्थाओं से कैसे जुड़े जैसे सवाल किए गए.
इनकम टैक्स विभाग की ली जाएगी मदद
पूछताछ के बाद माना जा रहा है कि यूपी एटीएस अपनी इस पूछताछ में मनी ट्रेल को समझने के लिए इनकम टैक्स के अधिकारियों की भी मदद ले सकती है. पूछताछ में एटीएस के ही कुछ जानकार अफसर विदेशी फंडिंग पर अलग से पूछताछ करेंगे. दोनों ही आरोपियों से पूछताछ के लिए एटीएस ने चार टीमें बनाई हैं. एक टीम देश के अंदर विभिन्न राज्यों में फैले उनके नेटवर्क पर, दूसरी टीम उत्तर प्रदेश के नेटवर्क पर, तीसरी टीम उनके विदेशी फंडिंग पर और चौथी टीम संपर्क में आए लोगों के आईएसआई कनेक्शन पर पूछताछ करेगी.
'सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें'
सीएम योगी आदित्यनाथ खुद धर्मांतरण प्रकरण की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सीएम ने जांच एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाए. अफसरों ने सीएम को विदेशी और टेरर फंडिंग का इनपुट दिया था. एजेंसियों ने धर्मान्तरित मूक बधिर बच्चों को जेहादी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने के प्रमाण मिलने का दावा किया है. साथ ही धर्मांतरण गिरोह के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के भी प्रमाण मिले हैं. सीएम ने इन सभी इनपुट की गहराई से छानबीन करने के निर्देश दिए हैं.
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