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धर्मांतरण मामला: UP ATS को 3 अभियुक्तों की 7 दिन की मिली रिमांड

राजधानी लखनऊ में यूपी एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने धर्मांतरण मामलों के अभियुक्त प्रसाद रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौशर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा का 7 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है.

लखनऊ कोर्ट.
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Published : Jul 20, 2021, 9:11 PM IST

लखनऊ: एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने धर्मांतरण मामले में निरुद्ध अभियुक्त प्रसाद रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौशर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा का 7 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है. इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि 22 जुलाई की दोपहर 12 बजे से शुरू होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक अनिल कुमार विश्वमकर्मा की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. विगत 17 जुलाई को अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.

एटीएस का कहना था कि अभियुक्तों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र के तहत धार्मिक उन्माद, विद्वेष और नफरत फैलाकर मूक बधिर लोगों का धर्मांतरण कराया गया है. इसके लिए इस मामले में पहले से निरुद्ध इनके साथी मोहम्मद उमर गौतम को हवाला के जरिए भारी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई गई. अभियुक्तों के पास से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैब व दो हार्ड डिस्क बरामद हुए हैं.

इसे भी पढ़ें:- शहर से 8 किमी के दायरे में है स्कूल तो आवासीय भत्ता देने पर करें विचार: हाईकोर्ट

एटीएस की दलील थी कि अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का डाटा स्क्ट्रक्शन कर गहन पूछताछ करना है. साथ ही इनके बैंक खातों का विश्लेषण भी करना है. तीनों अभियुक्तों के द्वारा मोहम्मद उमर के इस्लामिक दावा सेंटर के माध्यम से कराए गए धर्म परिर्वतन वाले व्यक्तियों को चिन्हित करना है. इसके लिए अभियुक्तों को दिल्ली, नागपुर व अन्य स्थानों पर ले जाना है. साथ ही इनसे संबंधित अभिलेख भी बरामद करना है. इनके महाराष्ट्र नेटवर्क में और कौन-कौन लोग जुड़े हैं, उनकी भी शिनाख्त करनी है.

लखनऊ: एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने धर्मांतरण मामले में निरुद्ध अभियुक्त प्रसाद रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौशर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा का 7 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है. इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि 22 जुलाई की दोपहर 12 बजे से शुरू होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक अनिल कुमार विश्वमकर्मा की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. विगत 17 जुलाई को अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.

एटीएस का कहना था कि अभियुक्तों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र के तहत धार्मिक उन्माद, विद्वेष और नफरत फैलाकर मूक बधिर लोगों का धर्मांतरण कराया गया है. इसके लिए इस मामले में पहले से निरुद्ध इनके साथी मोहम्मद उमर गौतम को हवाला के जरिए भारी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई गई. अभियुक्तों के पास से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैब व दो हार्ड डिस्क बरामद हुए हैं.

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एटीएस की दलील थी कि अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का डाटा स्क्ट्रक्शन कर गहन पूछताछ करना है. साथ ही इनके बैंक खातों का विश्लेषण भी करना है. तीनों अभियुक्तों के द्वारा मोहम्मद उमर के इस्लामिक दावा सेंटर के माध्यम से कराए गए धर्म परिर्वतन वाले व्यक्तियों को चिन्हित करना है. इसके लिए अभियुक्तों को दिल्ली, नागपुर व अन्य स्थानों पर ले जाना है. साथ ही इनसे संबंधित अभिलेख भी बरामद करना है. इनके महाराष्ट्र नेटवर्क में और कौन-कौन लोग जुड़े हैं, उनकी भी शिनाख्त करनी है.

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