लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन से पूछताछ के आधार पर उनके मददगारों की धरपकड़ तेज हुई है. इसी क्रम में यूपी एटीएस ने बुधवार को लखनऊ के वजीरगंज निवासी मोहम्मद शकील, हसनगंज खदरा से मोहम्मद मुस्तकीम और हैदरगंज टेंपल रोड लखनऊ से मोहम्मद मोईद को गिरफ्तार किया है. एटीएस की टीम इन तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी.
तीनों आतंकियों का दिल्ली कनेक्शन
शकील के बाद यूपी एटीएस टीम ने दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की है. जिसमें इन तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार किया गया है. पकड़े गए तीनों आतंकी अलकायदा ग्रुप से संलिप्त पाए गए हैं. एटीएस टीम ने वजीरगंज निवासी मोहम्मद शकील, हसनगंज खदरा से मोहम्मद मुस्तकीम और हैदरगंज टेंपल रोड लखनऊ से मोहम्मद मोईद को गिरफ्तार किया है. पहले गिरफ्तार मिनहाज व मशीरुद्दीन से पूछताछ में मुस्तकीम, मोईद और शकील का नाम सामने आया था. एटीएस तीनों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी थी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. लेकिन बुधवार को लोकेशन मिलने के बाद ही तीनो साथियों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आतंकियों का दिल्ली कनेक्शन भी पाया गया है. दिल्ली की स्पेशल सेल टीम भी लखनऊ आई हुई है जो इन आतंकियों से पूछताछ करेगी.
आतंकियों को असलहा उपलब्ध कराने में शकील की अहम भूमिका
चौक इलाके के बुद्धा पार्क के पास से पकड़े गए शकील नामक युवक की इन दोनों आतंकियों को असलहा उपलब्ध कराने में अहम भूमिका रही है. एटीएस की एक टीम उसके मोबाइल की डिटेल खंगाल रही है. एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, शकील अलकायदा का यूपी कमांडर है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि कानपुर से भी लईक और अफाक नाम के 2 संदिग्ध पकड़े गए हैं जिन्हें लेकर एटीएस टीम लखनऊ रवाना हो गई है.
परिजनों ने किया हंगामा
शकील की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही उसके परिजन और मोहल्ले के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. शकील की गिरफ्तारी की सूचना पर पहुंचे मीडियाकर्मियों से परिवार और पड़ोसियों ने हाथापाई कर कैमरा भी तोड़ दिया गया. इस हंगामे की सूचना पाते ही वजीरगंज पुलिस ने मौके पर पहुंची जिसके बाद ही माहौल शांत हुआ. पुलिस ने मीडिया कर्मी से बदसलूकी करने वालों की तलाश शुरू कर दी है.
क्या कहना है परिजनों का
शकील के परिजनों का कहना है कि शकील बैटरी ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पलता हैं. शकील चार भाई हैं और अभी दो साल पहले ही शकील की शादी हुई है.
शकील के छोटे भाई ने बताया कि वह बैटरी वाला ई-रिक्शा चलाता है. रिक्शा की बैटरी खराब होने की वजह से ही वह बैटरी की दुकान पर गया था. इसी कारण मिनहाज का नंबर उसके भाई के पास मोबाइल में था. बैटरी को लेकर उसकी बात मिनहाज से हुई है और इस आधार पर उसको आतंकी घोषित किया जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि उसके घर के बड़े बेटे शकील को फंसाया जा रहा है.
ई-रिक्शा चलाने के दौरान मशीरुद्दीन से हुई थी शकील की मुलाकात
एटीएस सूत्रों की मानें तो मशीरुद्दीन की मुलाकात शकील से ई-रिक्शा चलाने के दौरान ही हुई थी, जब मशीरुद्दीन ने ई-रिक्शा बेच दिया था तो उसके बाद से काफी समय तक दोनों की मुलाकात नहीं हुई. फिर काफी समय बाद एकाएक मशीरुद्दीन ने शकील से मिलकर असलहों की मांग की थी. जिसके बाद ही शकील ने मशीरुद्दीन की मुलाकात चमनगंज निवासी अपने परिचित से कराई थी. शकील का परिचित हिस्ट्रीशीटर बताया गया है जो असलहा बेचने का काम करता है. मशीरुद्दीन ने असलहा और चाकू को इसी हिस्ट्रीशीटर से खरीदा था. अब एटीएस की टीम शकील को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के साथ ही उसकी निशानदेही पर अवैध असलहे और विस्फोटक पदार्थो की बरामदगी करने का प्रयास करने में जुटी है.
मशीरुद्दीन ने एक साल पहले कराई थी मिनहाज से मुलाकात
एटीएस मिनहाज और शकील के पास से मिले मोबाइल फोन से हुई बातचीत के आधार पर संदिग्ध युवकों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. मिनहाज से शकील की मुलाकात लगभग एक साल पहले ई-रिक्शा चलाने के दौरान हुई मशीरुद्दीन के जरिये कराई गई थी. मिनहाज के मोबाइल में शकील नामक युवक का नंबर संदिग्ध मिला था. जिसके आधार पर ही बुधवार को शकील नामक युवक को चौक इलाके के बुद्धा पार्क के पास से एटीएस द्वारा उठाया.
असलहा दिलाने में मदद का आरोप
शकील पर आरोप है कि उसने इन दोनों आतंकियों को असलहा के साथ-साथ तीन चाकू भी दिलाये थे. इसके लिए आतंकियों द्वारा शकील को रुपया भी दिया गया था. शकील नामक युवक वजीरगंज इलाके में ई-रिक्शा चलाता है, जिसके कारण इस युवक पर कोई शक भी नहीं करता था. एटीएस की टीम ने दोनों आतंकियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद यह खुलासा किया है.
चमनगंज से खरीदा था असलहा और चाकू
मिली जानकारी के मुताबिक, मड़ियांव इलाके से पकड़े गए आतंकी मशीरुद्दीन के पास से एटीएस टीम को एक असलहा बरामद हुआ था. मशीरुद्दीन को यह असलहा मुहैया कराने में चौक इलाके में रहने वाले शकील ने मदद की थी. बताया गया है मशीरुद्दीन ने असलहा और चाकू को चमनगंज से खरीदा था और इस काम में शकील नामक युवक ने अहम भूमिका निभाई थी. शकील ने इस काम के लिए मशीरुद्दीन से मोटी रकम भी वसूली थी.
खंगाली जा रही मोबाइल की डिटेल
एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार हुए आतंकियों से पूछताछ के दौरान शकील का नाम सामने आया था. शकील का नाम सामने आने के बाद से ही लगातार तीन दिनों से शकील की तलाश की जा रही थी. शकील तीन दिनों से सभी की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहा था. बुधवार की सुबह शकील की लोकेशन वजीरगंज इलाके में जनता नगर के पास पाई गई. जिसके बाद शकील को बुद्धा पार्क के पास ई-रिक्शा के साथ देखा गया और वहां से उसको हिरासत में लेकर सीधा एटीएस मुख्यालय ले आया गया है. जहां पर शकील से पूछताछ करने के साथ ही उसके मोबाइल की डिटेल भी खंगाली जा रही है.
शकील के अन्य ठिकानों पर एटीएस कर रही छापेमारी की तैयारी
एटीएस सूत्रों की मानें तो शकील के मोबाइल से मिली जानकारी के बाद से ही उसके कई अन्य ठिकानों पर एटीएस द्वारा छापेमारी करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का कहना है, शकील के ठिकानों पर छापेमारी में एटीएस को काफी सफलता मिल सकती है. साथ ही उसके हिस्ट्रीशीटर मित्र की भी तलाश की जा रही है, जिसने मशीरुद्दीन को असलहा व चाकू बेचा था.
कानपुर के 8 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी आतंकियों के संपर्क में
सूत्रों के हवाले से एक और चौंकाने वाली खबर मिली है. सूत्रों के अनुसार, कानपुर के 8 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी आतंकियों के संपर्क में थे. 4 दिनों से सभी अंडरग्राउंड चल रहे हैं. साथ ही 3 महिलाएं भी आतंकी संगठन के संपर्क में थीं. जो पनकी क्षेत्र में एटीएस के पहुंचने के पहले फरार हो गईं. बकरीद से पहले बड़ी बैठक में तय होना था कि ब्लास्ट कहां-कहां करना है. लखनऊ में पकड़े गये आतंकी का महिला मानव बम का प्लान था.