लखनऊ : यूपी एटीएस ने मेरठ में अवैध रूप से रह रहे चार और रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी आरोपी म्यांमार के बताए जा रहे हैं. यूपी ATS का जून माह में रोहिंग्या के खिलाफ यह तीसरा ऑपरेशन है. गिरफ्तार किए गए चारों रोहिंग्या बीते 8 जून को गिरफ्तार हुए मास्टरमाइंड नूर आलम उर्फ रफीक के इनपुट पर पकड़े गएं हैं. इन रोहिंग्याओं के पास से फर्जी दस्तावेज मिले हैं. एटीएस चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक पकड़े गए रोहिंग्याओं के पहचान मूल रूप से म्यांमार और हाल पता मेरठ में खरखौदा के अलीपुर निवासी हाफिज शफीक और शबीउल्लाह मो. इस्माइल, मेरठ में इरा गार्डन निवासी अजीजुर्रहमान उर्फ अजीज , म्यांमार के वार्ड नम्बर-2 निवासी मुफीजुर्ररहमान कर रूप में हुई. अभियुक्त हाफिज शरीफ व मुफिजुर्रहमान को मेरठ अलीगढ़ की टीम और अजीजुर्रहमान व मोहम्मद इस्माइल को बुलंदशहर के खुर्जा से एटीएस टीम ने गिरफ्तार किया है.
कब कब हुआ ऑपरेशन
- 17 जून को अलीगढ़ शहर से यूपी एटीएस ने दो रोहिंग्या को गिरफ्तार किया हैं. म्यांमार के रहने वाले रफीक और आमीन को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था.
- 8 जून को अवैध रूप से भारत में रहने वाले रोहिंग्या और अन्य रोहिंग्या को लाने वाले मास्टरमाइंड नूर आलम उर्फ रफीक और आमिर हुसैन को गिरफ्तार किया था.
यूपी से महिलाओं को विदेश ले जाकर बेच रहे रोहिंग्या
यूपी में रह रहे बंगलादेशी परिवार की महिलाओं को रोहिंग्या निशाना बना रहे हैं. इन्हें रोजगार का झांसा देकर विदेश में ले जाकर बेच रहे हैं. एटीएस ने रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया तो मानव तस्करी का यह नया गिरोह सामने आया. हाफिज शफीक इनका गैंग लीडर है. यह यहां पर मानव तस्करी कर रहे थे. एटीएस की छानबीन में पता चला कि चारोंं ने भारतीय दस्तावेजों के सहारे कई विदेश यात्राएं की हैं. गहराई से पूछताछ में आरोपियों ने कुबूल किया वो यूपी में रह रही उनके देश की और बांग्लादेशी परिवार की महिलाओं को विदेश ले जाकर बेंच रहे हैं. इन्होंने अभी तक तीन महिलाओं के बारे में जानकारी दी है, जिन्हें देहव्यापार के लिए मलेशिया में बेचा गया है. आईजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि और कितनी महिलाएं इस गैंग के जरिए मानव तस्करी की शिकार हुई हैं इसका पता लगाया जा रहा है.
सोने की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों से मिला सुराग
एटीएस ने इसी गिरोह के दो सदस्य मोहम्मद आमीन और मोहम्मद रफीक को गुरुवार को अलीगढ़ से गिरफतार किया था. दोनों म्यामार के मारिक्कम मांगड़ू के मूल निवासी हैं. इन्ही से इन चारों के बारे में जानकारी मिली थी. गुरुवार को पकड़े गए दोनों आरोपियों के पास से सोने के बिस्किट मिले थे जो खाड़ी देशों से तस्करी करके लाए गए थे. एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि रोहिंग्याओ का अलग-अलग गिरोह अलग-अलग तरह के अपराध में शामिल है. यह रुपयों का लेनदेन हवाला के जरिए कर रहे हैं. इनके किन बैकों में कहां और कितने खाते हैं और उनमें कितने ट्रांजेक्शन हुए हैं इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.
यूपी में अवैध रूप से 1800 रोहिंग्या जमाए हैं डेरा
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की माने तो उत्तर प्रदेश में रोहिंग्याओं का बड़ा गिरोह है, जिसमें करीब 1800 रोहिंग्याओं अवैध रूप से यूपी में रह रहे हैं. रोहिंग्या का गैंग मानव तस्करी के साथ-साथ अवैधानिक रूप से वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट भी तैयार कराता है. यह गैंग उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेजों से भारतीय पहचान पत्र बनवाकर अपने साथियों को कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम दिलवाते हैं. बदले में तनख्वाह के पैसों से कमीशन लेते हैं. आरोपी अन्य देशों से रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत में लाकर उनके कूटरचित दस्तावेजों को तैयार कराकर उन्हें भारतीय नागरिक रूप में स्थापित करते हैं. एटीएस की टीम को सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के कुछ साक्ष्य मिले हैं. उनकी पुष्टि कर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
हवाला के जरिए रकम का करते हैं आदान-प्रदान
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला के जरिए रकम का आदान प्रदान करते हैं. एडीजी ने बताया कि रोहिंग्या संगठित सिंडिकेट बनाकर म्यांमार के रहने वाले रोहिंग्याओं को बांग्लादेश में भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा से अवैध रूप से भारतीय सीमा में प्रवेश कर आ रहे हैं. बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले लोगों को प्रेरित कर उन्हें भारत लाते है. ये लोग UNHCR कार्ड बनवाते हैं तथा उनसे भारी रकम वसूल कर उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में अवैध रूप से बतौर नागरिक स्थापित करने हेतु मूल्यवान कूट रचित प्रपत्र तैयार कराते हैं.
हाफिज शफीक फर्जी पासपोर्ट के जरिए कर चुका विदेश यात्राएं
एडीजी की मानें तो हाफिज शफी नाम का आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मेरठ में निवास कर रहा था, जिसके द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर अवैधानिक रूप से भारत में लाए गए रोहिंग्याओं के कूटरचित मूल्यवान भारतीय दस्तावेज तथा आधार, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट आदि बनवाए गए. भारतीय पासपोर्ट के जरिये हाफिज ने विदेश यात्राएं भी की. अन्य अवैध प्रवासियों को भी इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर विदेश यात्राएं कराई गई हैं. इन सभी का एक संगठित गिरोह है, जो अनवरत रूप से अपराधी कृत्यों में लिप्त है.
तथ्यों के सत्यापन से यह पाया गया कि हाफिज और उसके गिरोह के साथियों द्वारा कई रोहिंग्या महिलाओं को मानव तस्करी कर विदेश ले गए. मांमले में महिलाओं के शोषण की बात भी सामने आई है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया की महिलाओं को कूटरचित दस्तावेजों के जरिए ही उन्हें हवाई यात्रा से विदेश ले जाते थे. एडीजी ने बताया कि आरोपियों द्वारा अवैध रूप से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव, सोने और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की तस्करी भी करते है. इनका उद्देश्य भारतीय जनसंख्या का संतुलन परिवर्तित करने का प्रयास भी है.