लखनऊः समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की चुनावी कार्यक्रमों में भाषण के दौरान सपा पर किए गए हमले को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है. सपा ने कहा कि सीएम योगी ने जिस प्रकार से अभद्र भाषा का प्रयोग किया है वह ठीक नहीं है. उनकी भाषा मर्यादित नहीं है, ऐसी स्थिति में उनकी अभद्र भाषणों पर तत्काल रोक लगाई जाए.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी (SP leader Rajendra Chaudhary) ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में सीएम योगी के अभद्र भाषणों पर रोक लगाने की मांग की है. आयोग को भेजे पत्र में सपा ने कहा कि 'आपके संज्ञान में हम यह तथ्य लाना चाहते हैं कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के चुनाव प्रचार में सत्तापक्ष भाजपा के सीएम योगी विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह मर्यादित, संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है. लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नहीं है.
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सीएम ने आगरा में 10 मार्च के बाद बुलडोजर चलेगा की धमकी दी. इसके अतिरिक्त वे लगातार सपा के नेतृत्व को गुंडा, मवाली, माफिया बता रहे हैं. मुख्यमंत्री ने 1 फरवरी 2022 को मेरठ सिवालखास सभा और किठौर की सभाओं में कहा कि 'लाल टोपी मतलब दंगाई हिस्ट्रीशीटर' है. आयोग से सपा ने कहा कि सीएम ने विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग किया है तत्काल इस पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश जारी किये जाएं.
मुख्यमंत्री ने कैराना, मुजफ्फरनगर में कहा कि जो गर्मी दिखाई दे रही है, ये सब शांत हो जायेगी... गर्मी कैसे शान्त होगी मैं जानता हूं' जैसी अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग किया. वे लगातार धमकाने वाली भाषा बोल रहे हैं. आप इस बात से सहमत होंगे कि चुनाव प्रचार की गहमागहमी में भी अपने विपक्षी के प्रति अशालीन भाषा कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है. खासकर मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से तो मर्यादाविहीन भाषा व्यवहार की कतई उम्मीद नहीं की जाती है.
यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और सत्तापक्ष द्वारा आदर्श आचार संहिता का लगातार उल्लंघन चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता दोनों पर गहरा आघात करता है. सपा मांग करती है कि यूपी में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्भीक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्यमंत्री को पद की गरिमा के अनुरूप संयमित, मर्यादित और आदर्श आचार संहिता के अनुकूल भाषा के इस्तेमाल के सम्बन्ध में प्रभावी निर्देश तत्काल जारी किया जाए.
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