लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव अब अपनी रौ में आ गया है. चुनाव आयोग और कोविड की बंदिशों के बीच राजनीतिक घमासान चरम पर है. वहीं, बसपा भी नए पैटर्न पर चुनावी तैयारियों में जुट गई है. साथ ही पार्टी प्रमुख मायावती के जन्मदिन पर प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है.
15 जनवरी 1956 को जन्मी बसपा प्रमुख मायावती 66 वर्ष की होने जा रही हैं. हर बार सियासी चर्चा बंटोरने वाले मायावती के जन्मदिन पर लखनऊ में कोई बड़ा आयोजन नहीं होने वाला है. इस बार पार्टी पदाधिकारी प्रदेशभर में जिला यूनिट पर जन्मदिन मनाएंगे. इस दौरान विधानसभा चुनाव के दावेदारों की बतौर प्रत्याशी आधिकारिक लिस्ट भी जारी हो सकती है.
बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान के मुताबिक, बसपा के प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा पार्टी प्रमुख के जन्मदिन पर हो सकती है. इसके लिए वह खुद मंडल कॉर्डिनेटर, जिला अध्यक्षों, विधानसभा प्रभारी सहित अन्य पदाधिकारियों संग बैठक कर रही हैं. प्रत्याशियों को लेकर स्क्रीनिंग जारी है.
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बसपा सामाजिक समीकरणों के जरिए वर्ष 2007 का इतिहास दोहराने की जुगत में है. इसके लिए 'भाईचारा फार्मूला' के जरिए दलित, ओबीसी, मुस्लिम के साथ-साथ अपर कास्ट में ब्रह्मणों को पाले में खींचने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. ऐसे में अनुमान है कि पार्टी विधानसभा की 60 से 70 सीटों पर ब्राह्मण चेहरों पर दांव लगाने के मूड में है. वहीं, पार्टी के जिला अध्यक्षों, मंडल कॉर्डिनेटर के जरिए सम्मेलनों में अभी तक 300 सीटों पर बसपा के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. यह क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी की 403 सीटों पर एक-एक हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता तैयार करने का लक्ष्य दिया है. ब्राह्मणों को जोड़ने का जिम्मा पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपा गया है. ऐसे में 4 लाख तीन हजार ब्राह्मण कार्यकर्ताओं को जोड़ने का सितम्बर से सदस्यता अभियान चलाया गया था.
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