लखनऊ : 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर कोई चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पिछड़ों को पार्टी के पक्ष में और अधिक लामबंद करने को लेकर भाजपा बड़े स्तर पर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित करने की रणनीति बना रही है. सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आगामी महीनों में प्रदेश भर में तमाम बड़े सम्मेलनों को संबोधित करेंगे और पिछड़ों को पार्टी से जोड़ने के काम को आगे बढ़ाएंगे.
भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि 53 फीसद वाले ओबीसी समाज को अधिक से अधिक पार्टी से जोड़ा जा सके और चुनाव में इनके वोट से सरकार को आसानी से बनाने में सफलता प्राप्त की जाए यही कारण है कि सबसे अधिक वोट बैंक वाले ओबीसी समाज को जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी बड़े स्तर पर सम्मेलन करने की रणनीति बना रही है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जहां एक तरफ सपा बसपा कांग्रेस अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ा रही हैं. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए भी जिला स्तर पर सम्मेलन करने की शुरुआत की है, तो कांग्रेस पार्टी की तरफ से पिछड़ों को लामबंद करने को लेकर प्रदेश भर में सम्मेलन आयोजित किए गए हैं. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी भी अपनी चुनावी तैयारियों और ओबीसी समाज के बीच पकड़ और पैठ बढ़ाने को लेकर बड़े स्तर पर पिछले सम्मेलन करने की रणनीति बनाई है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े पिछड़े चेहरे सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इन पिछड़े सम्मेलनों की कमान संभालेंगे और लगातार प्रदेश व्यापी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. पार्टी सूत्रों का कहना है कि सितंबर के अंत से लेकर अक्टूबर महीने में यह पिछड़े सम्मेलन किए जाएंगे.
इन सम्मेलनों में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में हुए कामकाज और पिछड़ों को लेकर जिन योजनाओं में ज्यादा फायदा समाज के लोगों को दिया गया, उसकी जानकारी किसानों को दी जाएगी. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार में जिन पिछड़े चेहरों को बड़ी जिम्मेंदारी देते हुए मंत्री बनाया गया है. तमाम आयोग और निगम में चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई है यह जानकारी भी पिछड़े समाज के लोगों को दी जाएगी.
भाजपा पिछड़ा समाज के लोगों को यह बताने की कोशिश करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा को सरकार संगठन और तमाम स्तर पर बराबर की भागीदारी देती है. पिछड़ों का पूरा सम्मान भारतीय जनता पार्टी करती है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के साथ पिछले समाज के लोग और अधिक जुड़े और इसका फायदा भाजपा को चुनाव में हो सके.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश एवं पिछड़े समाज की अलग-अलग जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए अलग-अलग सम्मेलन किए थे. उन सभी सम्मेलनों की कमान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हाथ में थी. यह प्रयोग बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा और 2019 में ओबीसी समाज के सहयोग से नरेंद्र मोदी सरकार दोबारा बनने में सफल हुई.
अब एक बार फिर पिछड़े समाज की अलग-अलग जातियों के बड़े स्तर पर सम्मेलन करने की रणनीति बनाई गई है. इनमें मुख्य रूप से कुशवाहा, कुर्मी, मौर्य, यादव, निषाद, राजभर, लोधी जैसी जातियों के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. इन सम्मेलनों में मुख्य रूप से केशव प्रसाद मौर्य स्वतंत्र सिंह रहेंगे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तमाम सम्मेलनों में शिरकत करेंगे. इन सम्मेलनों में केंद्र सरकार के भी ओबीसी समाज से बनाए गए मंत्री भी शामिल होंगे और अपने समाज के बीच जाकर लोगों को पार्टी से जोड़ने का आह्वान करेंगे.
क्या कहते हैं भाजपा प्रवक्ता
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की नीति के साथ काम किया है. हम समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए अलग-अलग सम्मेलन करते हैं और चुनाव से पहले सम्मेलन करके समाज के सभी वर्ग के लोगों को यह बताने का काम करेंगे कि हमने समाज के लिए क्या किया है. हम चुनाव से पहले अलग-अलग सम्मेलन करके लोगों को बताने का काम करेंगे कि भाजपा फिर से क्यों जरूरी है.