लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अगले एक साल में नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करेगा. विश्वविद्यालय के नए कुलपति की नियुक्ति के साथ ही राज्यपाल ने प्रदेश के सबसे बड़े प्राविधिक विश्वविद्यालय को अगले एक साल में खुद का नैक ग्रेडिंग कराने का टारगेट दिया है. जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी से नैक ग्रेडिंग की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में जून के पहले सप्ताह में होने वाले सभी प्रशासनिक बैठकों जैसे कार्य परिषद की मीटिंग, बोर्ड ऑफ स्टडीज की मीटिंग, फाइनेंस कमेटी की मीटिंग सहित अन्य समितियों की मीटिंग में नैक को प्रमुख एजेंडे के तौर पर शामिल किया गया है. इन सभी बैठकों में नैक ग्रेडिंग के लिए शुरुआती दौर में जो भी तैयारियां शुरू करनी हैं इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किया जाएगा.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि नैक ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालय में कई तरह की चीज़ों की शुरुआत की जा रही हैं. सबसे पहले विश्वविद्यालय में इस सत्र से कुछ अतिरिक्त विषयों की पढ़ाई शुरू होगी जो नैक ग्रेडिंग जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास उच्चस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है. मेरा प्रयास होगा कि इसका भरपूर उपयोग सुनिश्चित किया जाए. सेण्टर फार एडवांस्ड स्टडीज में न्यू एज एवं कटिंग एज टेक्नालाजीज के नये कोर्सेज प्रारम्भ किए जाएंगे. विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की उच्चस्तरीय सुविधाओं को समाहित कर पूर्णत: डिजिटल स्वरूप प्रदान किया जाएगा. जिससे कि इसका उपयोग विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हो सके. इसके अलावा सभी विभागों को बीते 5 सालों के अपने रिसर्च पब्लिकेशन पीएचडी व दूसरे डाटा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे जब हम नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करें तो उस समय हमारे पास अभी डाटा मौजूद है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का कैसे बेहतर प्रयोग किया जाना है. इसकी भी तैयारी शुरू कर दी गई है. साथ ही हर साल छात्रों के प्लेसमेंट के रिकॉर्ड बनाने के साथ ही इस साल भी प्लेसमेंट व समर ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई जा रही है, ताकि ग्रेडिंग में हमें अच्छे अंक मिल सके.
25 काॅलेजों में खुलेगा आईक्यूएसी सेल : क्वॉलिटी आफ एजुकेशन और नैक मूल्यांकन को लेकर उनकी कोशिश होगी कि इंटरनल क्वॉलिटी एश्योरेंस (आईक्यूएसी) सेल की स्थापना की जाएगी. इससे पहले फेज में विवि से जुड़े 25 काॅलेजों को जोड़ा जाएगा. जिससे नैक मूल्यांकन को लेकर उन्हें प्रेरित किया जा सके. उन्होंने बताया कि मेडिकल और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू भी किया जाएगा. जिससे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा दिया जा सके.
केवल सात विश्वविद्यालय नैक की कसौटी पर खरे उतरे : मौजूदा समय में प्रदेश की 28 विश्वविद्यालयों में से केवल सात विश्वविद्यालय ऐसे हैं जो नैक की कसौटी पर खरे उतरे हैं. इनमें करीब एक दर्जन विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक नेशनल एक्टिवेशन काउंसिल की ग्रेडिंग के लिए लेटर ऑफ इंटेंट तक नहीं भेजा है. मौजूदा समय में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन कर रखा है.
यह भी पढ़ें : ऐसी संस्था का विलय कैसे होगा, जो अब तक बनी ही नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट