लखनऊ: तालिबान के मुद्दे को लेकर भारत में भी सियासी बाजार गर्म है. अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरें पूरी दुनिया को डरा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारत में भी इस मसले पर कई लोग बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि यह राजनीतिक रूप से हताश और निराश लोग हैं. हमारे प्रधानमंत्री जी हमेशा लोगों से संवाद करते रहते हैं. मन की बात में वह कभी पार्टी की बात नहीं करते. सिर्फ देश की बात करते हैं. लोगों को लगता है कि देश के पास एक नेतृत्व है, जो उनके बीच का है. यह हमारे राजनीतिक दलों में हताशा लाता है और वह विरोध करने में ऐसी स्थिति में चले जाते हैं, मालूम होता है कि वह राष्ट्र का विरोध कर रहे हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में तालिबान के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, AIMPLB प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मौलाना मसूद मदनी के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana Support Taliban) ने भी तालिबान के आतंकियों का समर्थन किया था. उनका कहना था कि तालिबानी बुरे लोग नहीं हैं. हालात की वजह से वह ऐसे हो गए हैं. इसके साथ ही मशहूर शायर का कहना है कि उन पर भरोसा किया जा सकता है.
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) का कहना था कि तालिबानियों के साथ 20 साल तक जुल्म हुए हैं. जब बीज ही ऐसा बोया गया तो वहां देवता कैसे पैदा होगा. इस तरह के बीज से मखमल तो नहीं निकल सकता है. उनका कहना था कि अफगानिस्तान हमेशा से हिंदुस्तान का दोस्त रहा है. वहां के लोगों का हिंदुस्तान से खास लगाव है. इसीलिए वह यहां आना पसंद करते हैं. मुनव्वर राणा ने अफगानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर कहा था कि तालिबान ने सही किया है. अपनी जमीन पर कब्जा तो किसी भी तरह से किया जा सकता है. मुनव्वर राना व अन्य लोगों द्वारा तालिबान के समर्थन में दिए गए बयान को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने टिप्पणी की.
वहीं जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों का आतंकवाद और विस्तारवाद पर भरोसा है, उन्होंने हमारे देश में अस्थिरता फैलाने के लगातार प्रयास किए हैं, लेकिन 2014 के बाद हमने न केवल आतंकवाद पर काबू किया बल्कि सीमा पार से आने वाले घुसपैठियों को गिरफ्तार किया या एनकाउंटर में मारा है. कोई बहुत बड़ी घटना हमारे देश में नहीं हुई है. वह कहते हैं कि हमारे देश में भी कुछ ऐसे दल हैं, जिन्होंने कहा था कि धारा 370 हटी तो देश में तिरंगा उठाने वाले लोग नहीं मिलेंगे. यह ऐसे लोग थे, जो डराकर अपनी राजनीति करते थे और कुर्सी पर बने रहना चाहते थे. हमारे पास एक सक्षम नेतृत्व था मोदी और शाह के रूप में. पहले कश्मीर में सरकारी इमारतों पर भी तिरंगा फहराना एक चुनौती होती थी, लेकिन 15 अगस्त को सबने देखा होगा कि न केवल सरकारी इमारतों, बल्कि लोगों ने अपने घरों में भी तिरंगा फहराया.