लखनऊ: परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को चेकिंग के दौरान आए दिन हादसों का शिकार होना पड़ रहा है. विभागीय अधिकारियों ने जब इस पर गौर किया तो अभियान के दौरान वर्दी न पहनना एक अहम वजह सामने आई. ऐसे में अब निर्देश जारी किए गए हैं कि अब अधिकारियों को वाहनों की चेकिंग करते समय वर्दी अनिवार्य रूप से पहनना होगा. बिना वर्दी पहने चेकिंग की इजाजत अब नहीं मिलेगी. ऐसा न करने पर प्रवर्तन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
परिवहन विभाग के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) निर्मल प्रसाद ने सभी प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि बिना वर्दी पहने चेकिंग करने सड़क पर न उतरें. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि वर्दी से अवैध संचालन करने वाले लोगों में भी खौफ रहता है. सादे कपड़ों में वो नहीं समझ पाते हैं कि कोई अधिकारी हो सकता है. उन्होंने कहा कि वर्दी पहनने से तमाम दिक्कतें अपने आप दूर हो जाएंगी.
डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कहा कि लखनऊ समेत कई जिलों में चेकिंग के दौरान चेकिंग दस्ते के साथ मारपीट की कई घटनाएं सुनने को मिल चुकी हैं. ऐसे में परिवहन विभाग ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया और इसका कारण जानने का प्रयास किया. इस दौरान सामने आया कि सिविल ड्रेस में कई बार फर्जी एआरटीओ बनकर वाहन मालिकों से अवैध वसूली करते हैं. बाद में वाहन स्वामियों को पता चलता है कि वह परिवहन विभाग की टीम ही नहीं थी. ऐसे में सिविल ड्रेस देखते ही वाहन स्वामी कई बार चेकिंग दस्तों से मारपीट कर बैठे.
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इसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों ने फैसला लिया है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए चेकिंग के दौरान आरटीओ, एआरटीओ और पीटीओ वर्दी जरूर पहनें. वर्दी पहनेंगे तो वाहन स्वामी वाहनों की चेकिंग में आनाकानी नहीं करेंगे. इसके साथ ही मारपीट जैसी घटनाओं से बचा जा सकेगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालय में प्रवर्तन टीम की वर्दी उपलब्ध कराई है. सभी के पास खाकी वर्दी है, लेकिन चेकिंग के दौरान अधिकारी वर्दी पहनने को प्राथमिकता नहीं देते हैं. ऐसे में कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए वर्दी पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
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