लखनऊ : यूपी में माफिया अतीक अहमद, अशरफ समेत उमेश पाल हत्याकांड के सभी आरोपियों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी में मिलाने का बयान दिया था. इसके बाद सोमवार को अशरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के आवास के करीब जा पहुंचा. हालांकि इस दौरान वह कैदी वाहन में सवार था और पुलिस के कड़े शिकंजे में था. दरअसल उसे सोमवार को पुलिस के काफिले के साथ बरेली जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा था. दूसरी ओर अतीक अहमद को भी गुजरात से प्रयागराज लाया जा रहा था.
दरअसल, प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल अपहरण कांड में 28 मार्च को सजा सुनाई जा सकती है. इस अपहरण कांड में माफिया अतीक अहमद के साथ उसका भाई अशरफ भी आरोपी है और कोर्ट में दोनों को ही पेश करना है. ऐसे में 48 पुलिसकर्मियों की टीम अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज ला रही है. वहीं अशरफ को बरेली जेल से लाया जा रहा है. सोमवार को करीब 2:30 पर अशरफ का काफिला सीतापुर से होते हुए लखनऊ पहुंचा और प्रयागराज हाईवे जाने के लिए अशरफ को लेकर पुलिस कालीदास मार्ग स्थित सीएम आवास के सामने से होकर गुजर गया.
बता दें, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के एक साल बाद 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर अतीक अहमद के कर्बला स्थित कार्यालय ले जाया गया था. आरोप है कि अतीक और उसके भाई अशरफ ने राजू पाल मर्डर केस में गवाही बदलने के लिए उमेश पाल पर खूब दबाव डाला. इसके दूसरे दिन एक मार्च 2006 को अदालत में ले जाकर अपने पक्ष में गवाही दर्ज करा ली थी. सपा सरकार होने की वजह उमेश पाल की एफआईआर नहीं दर्ज हुई. मई 2007 में प्रदेश में बसपा सरकार बनने पर उमेश पाल की शिकायत पर अतीक और अशरफ के खिलाफ अपहरण कर गवाही बदलने के लिए धमकाने का केस लिखा गया. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब 28 मार्च को फैसला आना है.
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