लखनऊ: उत्तराखंड एसएसएससी पेपर लीक मामले (uksssc paper leak) में यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को यूके पुलिस द्वारा घोषित दो लाख का इनमिया सैयद सादिक मूसा (UKSSSC paper leak mastermind Syed Sadiq Musa) और एक लाख का इनामिया योगेश्वर राव (UKSSSC paper leak mastermind Yogeshwar Rao) लखनऊ के गोमतीनगर से गिरफ्तार किया है. इन दोनों ही इनामी आरोपियों की उत्तराखंड पुलिस को पिछले कई समय से तलाश थी.
एडीजी यूपी एसटीएफ अमिताभ यश (ADG UP STF Amitabh Yash) के मुताबिक, उनकी टीम को सूचना मिली थी कि उत्तराखंड राज्य में पेपर लीक कराने वाले गैंग का सरगना और उसका साथी पॉलिटेक्निक चौराहे के पास किसी से मिलने आने वाले है. इस सूचना पर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई और गुरुवार को लखनऊ के पॉलिटेक्निक चौराहे के पास से आवश्यक बल का प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि साल 2021 में उत्तराखंड राज्य में आयोजित एसएसएससी-2021 की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सल्यूशन कम्पनी लखनऊ द्वारा छापा जा रहा था. जिसकी जानकारी हम लोगों को कम्पनी में कार्य कर रहे कासान शेख द्वारा मिली. कासान ने यह भी बताया गया कि यूकेएसएसएससी परीक्षा 4 और 5 दिसम्बर 2021 को आयोजित होगी. इस परीक्षा का पेपर मैं आप लोगों को उपलब्ध करा दूंगा, जिसके एवज में प्रत्येक व्यक्ति 8 लाख रुपये लूंगा. जिस पर हम लोगों ने यह सौदा तय कर लिया.
आरोपियों ने बताया कि 5 दिसम्बर को दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर कासान ने 3 तारीख को इंजीनियरिंग चौराहे के पास स्थित गौशाला के सामने हम लोगों को दिया. हम लोगों ने पेपर मिलने की जानकारी शशिकांत सिंह निवासी उत्तराखंड और केन्द्रपाल सिंह निवासी धामपुर बिजनौर को दिया. केन्द्रपाल सिंह को हल्द्वानी (उत्तराखण्ड) पहुंचने के लिए भी कहा गया. जिसके बाद हम लोग अपने अपने साधनों से फिरोज और सम्पन्न राव के साथ दिनांक दूसरे दिन 4 दिसम्बर को हल्द्वानी पहुंचे. जहां बृजपाल हॉस्पिटल के पास एक होटल में योगेश्वर राव के नाम से दो कमरे बुक किया गया. वही पर हम लोगों की मुलाकात शशिकान्त और केन्द्रपाल सिंह से हुई. इन दोनों से प्रति अभ्यर्थी 10 लाख लेने की बात तय कर पेपर उनको देकर वापस आ गए. परीक्षा के बाद शशिकान्त ने योगेश्वर राव को 20 लाख रुपये दिए और शेष पैसे बाद में देने का वादा किया था. पैसा योगेश्वर राव द्वारा कासान शेख को दे दिया गया.
पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि परीक्षा सम्पन्न होने के बाद 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव था, जिस कारण आचार संहिता लागू हो गई थी. चुनाव खत्म होने के बाद परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था. परीक्षा परिणाम जारी होने के उपरान्त आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की स्क्रीनिग में लगभग 100 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए, जिसके आधार पर आयोग द्वारा जांच बैठा दी गई. जांच के दौरान अनियमितता पाए जाने पर परीक्षा के सम्बन्ध में थाना रायपुर, देहरादून में अभियोग पंजीकृत हुआ. हम लोगों का नाम प्रकाश में आने की जानकारी हमें सोशल मीडिया के माध्यम से हुई. साथ ही यह भी जानकारी हुई कि हम लोगों के गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार भी घोषित हो गया है. गिरफ्तारी से बचने के लिए हम लोग विभिन्न स्थानों पर छिपकर रह रहे थे.
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