लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीवर की सफाई करने उतरे 2 कर्मचारियों की मंगलवार को मौत हो गई है. यह कर्मचारी लगभग 3 घंटे तक सीवर लाइन में फंसे रहे. काफी देर बाद स्थानीय लोगों की मदद से तीनों कर्मचारियों को बाहर निकाला गया. इस घटना में दो कर्मचारियों की हालत खराब हो गई. सफाई कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सीवर लाइन की सफाई करने के लिए उतार दिया गया था.
घटना के बाद सफाई कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने शहर में सफाई का काम देख रही निजी कंपनी 'स्वेज' पर गंभीर आरोप लगाए. कर्मचारियों ने बताया कि उनकी सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं दिए जाते हैं. दो कर्मियों की मौत पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने दुख जताया है. इसके अलावा स्वेज कंपनी को कर्मियों के परिवारजनों को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, घटना की जांच कराकर सेफ्टी इक्विपमेंट न देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.
महापौर ने भविष्य में नाला सफाई एवं सीवर सफाई में लगे समस्त कर्मियों को सेफ्टी इक्विपमेंट के साथ ही सफाई करने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए. घटना लखनऊ के थाना सहादतगंज क्षेत्र के गुलाब नगर की है. मंगलवार की दोपहर यहां सफाई का काम चल रहा था. सफाई के काम में लगाए गए कर्मचारियों ने बताया कि उनके सुपरवाइजर अमित ने उन्हें सुरक्षा उपकरणों के बिना जबरन सीवर में उतार दिया था.
कर्मचारियों का आरोप है कि सुरक्षा उपकरणों के बिना सीवर की सफाई करने से मना करने पर सुपरवाइजर अमित ने नौकरी से निकालने की धमकी दी थी. नौकरी जाने के डर से 3 सफाईकर्मी अमित के कहे मुताबिक सीवर में उतर गए. इस दौरान 2 कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत खराब हो गई. जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया. इस घटना के बाद सफाई कर्मचारी भड़क उठे. उन्होंने ट्रामा सेंटर पर भी हंगामा किया.
मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों को मिलेगा 10-10 लाख का मुआवजा
सीवर लाइन की सफाई करते समय हुई दो कर्मचारियों की मौत पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने दुख जताया है. महापौर के निर्देश पर मृतक सफाई कर्मचारियों के परिजनों को स्वेज कंपनी 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देगी. गौरतलब है कि सीवर की सफाई के लिए 2 वर्ष पहले स्वेज इण्डिया कंपनी को शहर का कार्य आवंटित किया गया था.